नई दिल्ली भारतीय मीडिया फाउंडेशन "नेशनल" कोर कमेटी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी ने संगठन के सभी सदस्यों के लिए एक क्रांतिकारी निर्देश जारी किया है। उनका यह आह्वान सिर्फ एक संदेश नहीं, बल्कि एक मिशन का बिगुल है - अब सभी को सिर्फ अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
अनावश्यक बहस पर पूर्ण विराम, अब सिर्फ़ 'काम' की बात,
पंडित बालकृष्ण तिवारी ने साफ शब्दों में कहा है कि अब से किसी भी कमेटी या समाचार समूह में बेवजह की पोस्टिंग और निरर्थक बहस पर पूरी तरह से रोक है !
उनका लक्ष्य स्पष्ट है: संगठन की ऊर्जा को सही दिशा में लगाना। उन्होंने सभी साथियों से "चट्टानी एकता" बनाए रखने और निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील की है। उनका मानना है कि अब एकजुट होकर, बिना भटके, सिर्फ काम पर ध्यान देना है।
अधिकारों की जंग: हर पत्रकार को मिलेगा उसका हक़--
राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी ने एक बड़े संघर्ष का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि अब संगठन को एक मजबूत रणनीति बनानी होगी ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ हर पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता तक पहुंचे। यह सिर्फ एक इच्छा नहीं, बल्कि एक संवैधानिक अधिकार है, जिसे सुनिश्चित करना संगठन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
आज, देश भर के पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उम्मीदें भारतीय मीडिया फाउंडेशन( नेशनल ) कमेटी पर टिकी हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि यह टीम उनके अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें संवैधानिक अधिकार दिलाने में सक्षम है। यह निर्देश संगठन को एक नई दिशा में ले जाने और उसके मिशन को मजबूती देने वाला एक निर्णायक कदम है। यह सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि 2025 सत्र तक जो भी बनाए गए हैं मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी उनको हटाया नहीं गया हैं ऐसी कोई भी सूचना नहीं चलाई गई है।
जो अनुशासन के विरुद्ध जाएगा सिर्फ उन्हें हटाया जाएगा और जो एकदम निष्क्रिय है कोई कार्य नहीं करते हैं संगठन हित का काम नहीं करते हैं ऐसे लोगों के जगह दुसरे की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जायेगी।
उन्होंने कहा कि संस्थापक मंडल की टीम /ग्रुप बनाई जायेगी जिसमें सभी आजीवन सदस्यओं को जोड़ा जाएगा एक योजना बनाकर आगे कार्य को गति प्रदान की जाएगी।