रिपोर्ट सत्यदेव पांडे
चोपन /सोनभद्र/ मामला संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दो पक्षों में पुस्तैनी सम्पत्ति (ज़मीन मकान) को लेकर विवाद है, पुलिस रिपोर्ट अन्तर्गत धारा 164भा.ना.सु.सं.2023दिनांक-05-12-2024 के अनुसार " प्रथम पक्ष द्वारा निकास वाले रास्ते को ताला लगाकर बन्द कर दिया गया है जिससे द्वितीय पक्ष घर से बाहर पिछले लगभग एक डेढ़ वर्ष से टिन शेड लगाकर तिरपाल से घेरकर रह रहे हैं, मौके पर विवाद बना हुआ है।"
दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात् उपरोक्त अधिनियम/संहिता की धारा -165 के अन्तर्गत कुर्की वारंट का आदेश जारी किया गया उक्त आदेश में उल्लेख है कि "प्रथम पक्ष ने तहसीलदार व पुलिस के सामने पूर्ण भूमि का मुआयना नहीं करने दिए और नापी करने पर फीता तोड़ दिए "
द्वितीय पक्ष का कहना है कि उपरोक्त परिस्थितियों में पुलिस को चाहिए था कि प्रथम पक्ष के विरूद्ध सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं पुलिस पर हमला करने के आधार पर जिन लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करनी चाहिए थी तो ऐसा न करके पुलिस उन्हीं से सांठगांठ करके दिनांक -22-02-2025 के कुर्की आदेश का पूर्ण अनुपालन नहीं किया मौके पर आराजी की कुल दस दुकानों को कुर्क करना चाहिए था परन्तु केवल चार दुकानों को कुर्क करने से क्षुब्ध द्वितीय पक्ष ने तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगाई परन्तु कभी कभी राजस्व टीम न होने तथा कभी पुलिस टीम न होने का कागज़ी कोरम पूरा करके मामले को टाला गया ।
थक हार कर द्वितीय पक्ष ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसमें दिनांक 31-07-2025 को माननीय न्यायालय द्वारा इंस्ट्रक्शन काल किया गया इसके बाद एस.डी.एम. ओबरा द्वारा अनपेक्षित आचरण करते हुए द्वितीय पक्ष के वकील द्वारा उसे बुलाकर धमकाया गया कि तुम हमको बताए बिना हाईकोर्ट चले गए और द्वितीय पक्ष द्वारा सन्तुष्ट न कर पाने के परिणामस्वरूप उसके फाटबन्दी के लम्बित मुकदमे को ख़ारिज़ कर दिया तथा उसके विरुद्ध तथ्यों की लीपापोती करके माननीय न्यायालय में इंस्ट्रक्शन प्रेशित किया और वहीं द्वितीय पक्ष ने प्रमाण के साथ सप्लिमेंट्री एफीडेविट में उपरोक्त सभी तथ्यों को माननीय न्यायालय को अवगत कराया।
उपरोक्त से अवगत होकर माननीय न्यायाधीश श्री सौरभ श्रीवास्तव जी ने एसडीएम ओबरा और थानाध्यक्ष चोपन को दिनांक 25-11-2025 को तलब किया है...!
