सिन्दरी, धनबाद। 8 अक्टूबर को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति अनुसूचित जन जाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी समन्वय काउंसिल के तत्वावधान मे मुख्य न्यायाधीश के आदलत मे जूता फेंकने के प्रयास को आक्रोश मार्च कार्यक्रम मे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने कहा कि एक वकील द्वारा किए गए निन्दनीय कृत पर गहरा आघात महसूस करते हुए निन्दा करता हूं।
शिवपुजन राम ने कहा कि एक वकील द्वारा किया गया यह घटना अपमानजनक और असंयमित व्यवहार है जो माफ करने योग नही है परन्तु मुख्य न्यायाधीश महोदय ने माफ कर दिया।
त्रिभूवन चौधरी ने कहा कि न्याय के मन्दिर मे न्याय के देवता को तिरस्कृत करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं मदन प्रसाद ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश जी की उदारता पूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त करना कोई कमजोरी नही है।
आक्रोश मार्च मे निम्नलिखित लोगों ने अहम योगदान दिए।
भोला पासवान, आर्या जी, रविन्द्र राम, राजेश पासवान, बुधन राम,चिन्तन पासवान, दिनेश प्रसाद, दिलीप मालाकार, रोहित कुमार, शेरा कुमार, नारायण गुप्ता, अमर कुमार वाउरी, रजत रंजन, नूनुलाल टुडू,बलबिर जैदिया ,सहदेव पासवान, लोगेन हेम्ब्रम, राजन चंचल मांझी बाबु के साथ सैकङो लोग उपस्थिती थे।
