विदित हो कि जनपद सुल्तानपुर के नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के लखनऊ नाका पर सैकड़ों वर्षों से स्थित ऐतिहासिक उदासीन संगत आश्रम पुराना गुरुद्वारा नया अखाड़ा की बेशकीमती करोड़ों की संपत्ति को समाजवादी पार्टी सुल्तानपुर के नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी उर्फ राजू पुत्र स्व. सूर्यप्रकाश, संतोष चौधरी पुत्र स्व. गुलाबचंद्र निवासीगण पुरानी हनुमानगढ़ी लखनऊ नाका थाना कोतवाली नगर सुल्तानपुर व आलोकनाथ अग्रहरि पुत्र स्व. बृजकुमार निवासी गभडिया आदि लोगों द्वारा फर्जी बैनामे करके विक्रय करने का
आरोप लगा था जिसकी जांच होने पर राजस्व निरीक्षक नगर की रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि उपरोक्त सभी 9 बैनामे गुरुद्वारा पंजाबी सिख नानकशाह के स्वामित्व वाली भूमि व मकान का हुआ है जिसमें गुरुद्वारे के किरायेदार कई दशकों से आवासित हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि उपरोक्त सभी रजिस्ट्री, दानपत्र विलेख, बिल्डर एग्रीमेंट तथ्यों को छुपाकर किया गया है।
बीते 6 अगस्त 2025 को धर्मेंद्र चौधरी, संतोष चौधरी, लोकनाथ अग्रहरि, फतेहपुर संगत आश्रम के गद्दी महंत बाबा धर्मप्रकाश, बाबा शीतलदास, अक्षांश अग्रहरि, ओपी यादव समेत अन्य 10 अज्ञात लोगों पर गुरुद्वारे पर अवैध कब्जे करने के प्रयास में नगर कोतवाली में दर्ज हुआ था मुकदमा।
दिनांक 8 अगस्त 2025 की पैमाईश की रिपोर्ट में गुरुद्वारा वर्तमान में 0.0791 हे. यानी लगभग साढ़े 6 बिस्वा में स्थित है, जिसका क्रय विक्रय 1597/6 के सहखातेदारों धर्मेंद्र चौधरी, संतोष चौधरी व आलोकनाथ अग्रहरि द्वारा किया जा रहा है।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सुल्तानपुर विधायक/पूर्व मंत्री विनोद सिंह जी द्वारा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच व दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही है।
