मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ, मिर्ज़ापुर के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर एक विशाल धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता के कार्यालय के बाहर आयोजित किया गया, जहाँ कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य बी पैक्स समितियों (PACS - Primary Agricultural Cooperative Societies) में काम करने वाले कर्मचारियों, जैसे सचिव, आंकिक (clerk), विक्रेता और चपरासी को न्यूनतम वेतन की व्यवस्था सुनिश्चित कराना था। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें लंबे समय से पर्याप्त वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है।
प्रमुख मांगें
धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाईं:
न्यूनतम वेतन: बी पैक्स समितियों के सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाए।
लंबित कमीशन का भुगतान: धान और गेहूं खरीद के लिए क्रय एजेंसियों जैसे पीसीएफ , पीसीयू और यूपीएसएस से मिलने वाले कमीशन का तुरंत भुगतान कराया जाए। यह कमीशन सीधे कर्मचारियों के वेतन से जुड़ा है, और इसके लंबित होने से वेतन मिलने में देरी होती है।
उर्वरक वितरण में पारदर्शिता: उर्वरक वितरण के लिए इस्तेमाल होने वाली पास मशीनों में एक नया सॉफ्टवेयर डाला जाए। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए कि किसी किसान को कितनी उर्वरक मिलनी है और उसने कितनी प्राप्त कर ली है। इससे वितरण में पारदर्शिता आएगी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी उपरोक्त मांगों सहित कई अन्य मुख्य मांगे भी रखी गई।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे। इस प्रदर्शन में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल थे। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए और सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की।