शून्य से शिखर तक सफलता के साथ भ्रष्टाचारमुक्त, अन्यायमुक्त व शिक्षायुक्त समाज के आदर्श प्रेरणा स्रोत हैं भगवान श्री कृष्ण आर के पाण्डेय एडवोकेट।

बृज बिहारी दुबे
By -

  परमशक्ति धाम, अयोध्या विकास क्षेत्र। पीडब्ल्यूएस शिक्षालय परिसर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पीडब्ल्यूएस प्रमुख व राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो के चेयरमैन आर के पाण्डेय एडवोकेट ने भगवान श्रीकृष्ण को शून्य से शिखर तक सफलता के परिचायक के साथ भ्रष्टाचारमुक्त, अन्यायमुक्त, शिक्षायुक्त समाज का आदर्श प्रेरणा स्रोत बताया।
      जानकारी के अनुसार 1 राष्ट्र, 1 शिक्षा, 1 व्यवस्था के कार्य योजना के अंतर्गत 1 ईंट 1 रुपए के जनसहयोग से निर्माणाधीन पीडब्ल्यूएस शिक्षालय परिसर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य समारोह सम्पन्न हुआ। इस आयोजन के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण समारोह मनाते हुए प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पीडब्ल्यूएस प्रमुख व राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो के चेयरमैन आर के पाण्डेय एडवोकेट ने भगवान श्रीकृष्ण को शून्य से शिखर तक सफलता के परिचायक के साथ भ्रष्टाचारमुक्त, अन्यायमुक्त, शिक्षायुक्त समाज का आदर्श प्रेरणा स्रोत बताया। आर के पाण्डेय एडवोकेट ने बताया कि एक बालक जिसका जन्म कंस जैसे अत्याचारी के जेल में हुआ और जन्म के तुरंत बाद जिसे विपरीत परिस्थितियों में सुदूर दूसरे क्षेत्र में भेजा गया। एक राजकुमार होने के बावजूद जिसका पालन पोषण ग्वाल बालों के बीच हुआ व उस पर भी जिस पर आए दिन आतंकियों के हमले होते रहे। उस बालक ने उन आतंकियों का सामना करते हुए उनका सर्वनाश करते हुए आम जनमानस के बच्चों के बीच सामान्य जीवन व्यतीत करने का प्रयास किया और यही संघर्षशील बालक आगे चलकर कंस जैसे अत्याचारी का वध करता है, द्वारिकाधीश बनता है, महाभारत जैसे युद्ध का नेतृत्व करता है और गीता का उपदेश देता है। इन सबके बीच अपने मित्र सुदामा के साथ एक ही आश्रम में सक्षम व निर्धन दोनों ही प्रकार के बच्चों के एक साथ शिक्षा अध्ययन के साथ एक आदर्श मित्रता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में उन्हें शून्य से शिखर तक जो सफलता मिलती है उससे बात स्पष्ट होती है कि कोई भी व्यक्ति अपने सतत, सकारात्मक कर्म से विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंच सकता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी भ्रष्टाचार और अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया। उन्होंने भ्रष्टाचारमुक्त, अन्यायमुक्त और शिक्षायुक्त समाज की स्थापना के साथ धर्म की स्थापना की और आज कलयुग में भी भगवान श्रीकृष्ण हम सबके आदर्श प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!