भगवा आतंकवाद नहीं हो सकता अदालत ने मालेगांव बम विस्फोट में सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर के कांग्रेस को बेनकाब किया- स्नेहल करमरकर, उपराज्य प्रमुख, शिवसेना उत्तरप्रदेश

बृज बिहारी दुबे
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श्री स्नेहल करमरकर जी, उपराज्य प्रमुख, शिवसेना, उत्तरप्रदेश ने कहा है, 
नासिक (महाराष्ट्र ) मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में एन आई ए स्पेशल कोर्ट ने सभी कथित आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले का शिव सेना (शिंदे गुट) ने जोरदार स्वागत किया है। शिव सेना के उपराज्य प्रमुख उत्तरप्रदेश के स्नेहल करमरकर ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा भगवा को आतंकवाद से जोड़ने का षडयंत्र इस निर्णय से बेनकाब हो गया है।

शिव सेना के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट धनंजय ने आज जारी बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि "कांग्रेस सरकार ने सनातनियों को बदनाम करने की अपनी हताशा भरी कोशिश में, इस मामले को 'भगवा आतंकवाद' का कृत्य करार दिया था। 17 वर्षों के बाद अदालत के निर्णय से वह निराधार आरोप मिटा दिया गया है। भगवा को आखिरकार न्याय मिल गया है। "

स्नेहल करमरकर जी ने निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि 17 साल पहले मालेगांव बम ब्लास्ट को भगवा आतंकवाद से जोड़ने का आरोप राजनीति से प्रेरित था। यह आरोप सनातन धर्म को बदनाम करने और इस्लामिक आतंकवाद को संरक्षण देने के उद्देश्य से लगाए गए थे। अदालत ने अपने निष्पक्ष निर्णय से साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी सहित सभी सातों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया, जिसका शिव सेना स्वागत करती है।

शिव सेना के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट धनंजय पाण्डेय ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब यह स्पष्ट हो चुका है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट में कांग्रेस के इशारे पर सभी सातों आरोपियों को फंसाते हुए भगवा आतंकवाद की छद्म परिभाषा गढ़ी गई थी। एडवोकेट धनंजय पाण्डेय ने एन आई ए स्पेशल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ विपक्ष के वकील द्वारा निर्णय को चुनौती उच्च न्यायालय में देने की घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय जाओ या सर्वोच्च न्यायालय, निर्णय वही रहेगा जो निर्णय स्पेशल कोर्ट ने दिया है । इस निर्णय से बहुसंख्यक समाज में खुशी की लहर है।

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