एक पुलिसकर्मी का बिना वजह किसी को थप्पड़ मारना या मारपीट करना भी कानून के खिलाफ है और यह एक गंभीर अपराध ।(एके बिंदुसार)

बृज बिहारी दुबे
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​भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 के तहत, एक लोक सेवक (public servant), जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, यदि अपने पद का दुरुपयोग करके किसी व्यक्ति को बिना किसी कारण के नुकसान पहुंचाते हैं, तो उन पर कार्रवाई हो सकती है।
​क्या है BNS धारा 115?
​भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 के अनुसार, यदि कोई लोक सेवक (जैसे पुलिस अधिकारी) अपने पद का फायदा उठाते हुए, किसी व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुंचाता है, गलत तरीके से रोकता है, या उस पर हमला करता है, तो यह एक अपराध है। इसका मतलब है कि पुलिसकर्मी भी कानून से ऊपर नहीं हैं और उन्हें भी कानून का पालन करना होगा।
​क्या सजा मिल सकती है?
​यदि कोई पुलिसकर्मी इस अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे:
​एक साल तक की कैद हो सकती है, या
​दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, या
​दोनों सजाएं एक साथ भी दी जा सकती हैं।
​यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि पुलिस को मिली हुई ताकत का दुरुपयोग न हो। यदि कोई पुलिसकर्मी बिना किसी अपराध के आपको मारता है या आपके साथ गलत व्यवहार करता है, तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
​आप क्या कर सकते हैं?
​अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है, तो आप तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों (जैसे DSP या SP) को इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, आप मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
​यह जानना बहुत जरूरी है कि कानून सभी के लिए समान है और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, कानून से ऊपर नहीं है।

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