बाढ़ग्रस्त मानिकपुर बघेड़ा में पुलिस का सराहनीय कार्य, सुरक्षा और राहत कार्यों में निभाई अहम भूमिका

बृज बिहारी दुबे
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मिर्जापुर उतर प्रदेश थाना अदलहाट अंतर्गत नरायनपुर क्षेत्र के मानिकपुर बघेड़ा गांव में आई बाढ़ के बाद, पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नरायनपुर पुलिस चौकी से हेड कांस्टेबल सुभाष सोनकर के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें कांस्टेबल रविंद्र सिंह, हिमांशु सिंह, और विवेक प्रकाश सिंह शामिल थे।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण और स्थानीय लोगों से बातचीत
पुलिस टीम ने सबसे पहले बाढ़ की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण किया और यह समझने की कोशिश की कि लोगों को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान, उन्होंने स्थानीय निवासियों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। इस बातचीत से पुलिस को जमीनी हकीकत का पता चला, जिससे वे राहत और बचाव कार्यों को बेहतर ढंग से अंजाम दे सके।
पुलिस की सक्रिय भूमिका और राहत कार्य--
इस मुश्किल समय में पुलिस सिर्फ कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर काम किया। पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की, खासकर उन लोगों को जो सबसे ज्यादा जोखिम में थे। इसके साथ ही, उन्होंने जरूरतमंद परिवारों तक भोजन, पानी और अन्य आवश्यक सामग्री पहुँचाने में भी सहायता की।
पुलिस की उपस्थिति ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अक्सर ऐसे हालात में चोरी और अराजकता का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने इन खतरों को टाल दिया। उनका यह मानवीय और सक्रिय दृष्टिकोण न केवल लोगों की जान-माल की रक्षा करने में मददगार साबित हुआ, बल्कि इसने समुदाय और पुलिस के बीच भरोसे को भी मजबूत किया।
हेड कांस्टेबल सुभाष सोनकर और उनकी टीम का यह प्रयास यह दर्शाता है कि आपदा के समय पुलिस की भूमिका सिर्फ कानून लागू करने से कहीं ज्यादा बढ़कर है। उनका यह सराहनीय कार्य अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी एक मिसाल है।

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