मिर्जापुर जिले की अहरौरा नगर पालिका में नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। एक गंभीर मामला सामने आया है जहाँ कजाकपुर वार्ड नंबर 4 में सार्वजनिक सड़क की पटरी को उखाड़कर एक नया ट्यूबवेल लगाया जा रहा है, जिससे न केवल यातायात बाधित हो रहा है बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है।
यह निर्माण कार्य, जो सीधे सड़क से सटा हुआ है, पूरी तरह से नियमावली के विरुद्ध है। किसी भी सरकारी नियम के तहत सार्वजनिक मार्ग या उसके किनारे इस तरह का निर्माण करना अवैध माना जाता है। इस कृत्य ने स्थानीय लोगों को चौंका दिया है और उन्होंने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
क्या प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है यह कार्य?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह अवैध निर्माण नगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है या फिर यह उनकी घोर लापरवाही का नतीजा है? जिस तरह से यह कार्य दिन-दहाड़े चल रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर नियमों का कोई डर नहीं है। इस तरह के अवैध निर्माणों से यह भी पता चलता है कि नगर पालिका के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह ट्यूबवेल ऐसी जगह पर स्थापित किया जा रहा है जहाँ पर्याप्त जगह नहीं है। इससे भविष्य में पैदल चलने वालों और वाहनों को भारी असुविधा होगी। इसके अलावा, सड़क पर अचानक होने वाली इस बाधा से दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की अपील---
इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसडीएम और शासन-प्रशासन से तुरंत संज्ञान लेने की अपील की है। उनकी मांग है कि इस अवैध निर्माण को तत्काल रुकवाया जाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि ट्यूबवेल को किसी ऐसी जगह पर स्थानांतरित किया जाए जहाँ पर्याप्त जगह हो और जिससे सार्वजनिक मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ भी है। इस पर तत्काल कार्रवाई ही यह सुनिश्चित कर पाएगी कि भविष्य में इस तरह की मनमानी और नियमों का उल्लंघन करने की हिम्मत कोई न करे।
सार्वजनिक सुरक्षा खतरे में: अहरौरा में सड़क की पटरी पर लगाया जा रहा है ट्यूबवेल, प्रशासन मौन।
मिर्जापुर के अहरौरा नगर पालिका में नियमों को ताक पर रखकर हो रहा है अवैध निर्माण, सड़क की पटरी पर अवैध अतिक्रमण।
अहरौरा नगर पालिका नियमों की अनदेखी कर सार्वजनिक सड़क पर अवैध निर्माण जारी, प्रशासन पर उठ रहे सवाल।
मिर्जापुर:
मिर्जापुर जिले की अहरौरा नगर पालिका में नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। एक गंभीर मामला सामने आया है जहाँ कजाकपुर वार्ड नंबर 4 में सार्वजनिक सड़क की पटरी को उखाड़कर एक नया ट्यूबवेल लगाया जा रहा है, जिससे न केवल यातायात बाधित हो रहा है बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है।
यह निर्माण कार्य, जो सीधे सड़क से सटा हुआ है, पूरी तरह से नियमावली के विरुद्ध है। किसी भी सरकारी नियम के तहत सार्वजनिक मार्ग या उसके किनारे इस तरह का निर्माण करना अवैध माना जाता है। इस कृत्य ने स्थानीय लोगों को चौंका दिया है और उन्होंने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
क्या प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है यह कार्य?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह अवैध निर्माण नगर पालिका के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है या फिर यह उनकी घोर लापरवाही का नतीजा है? जिस तरह से यह कार्य दिन-दहाड़े चल रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि स्थानीय स्तर पर नियमों का कोई डर नहीं है। इस तरह के अवैध निर्माणों से यह भी पता चलता है कि नगर पालिका के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह ट्यूबवेल ऐसी जगह पर स्थापित किया जा रहा है जहाँ पर्याप्त जगह नहीं है। इससे भविष्य में पैदल चलने वालों और वाहनों को भारी असुविधा होगी। इसके अलावा, सड़क पर अचानक होने वाली इस बाधा से दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है।
उच्चाधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की अपील---
इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसडीएम और शासन-प्रशासन से तुरंत संज्ञान लेने की अपील की है। उनकी मांग है कि इस अवैध निर्माण को तत्काल रुकवाया जाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि ट्यूबवेल को किसी ऐसी जगह पर स्थानांतरित किया जाए जहाँ पर्याप्त जगह हो और जिससे सार्वजनिक मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
यह अवैध निर्माण न केवल सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग है, बल्कि यह कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ भी है। इस पर तत्काल कार्रवाई ही यह सुनिश्चित कर पाएगी कि भविष्य में इस तरह की मनमानी और नियमों का उल्लंघन करने की हिम्मत कोई न करे।