बदलाव की आहट सिंगरौली में नई प्रशासनिक ऊर्जा, कलेक्टर गौरव बैनल की ताबड़तोड़ कार्रवाई

बृज बिहारी दुबे
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एके बिंदुसार संस्थापक भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल कोर कमेटी नई दिल्ली।

सिंगरौली (म.प्र.) 4 अक्टूबर को पदभार ग्रहण करने के बाद से ही, सिंगरौली जिले के नए कलेक्टर गौरव बैनल ने एक अभूतपूर्व सक्रियता दिखाते हुए जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को नई गति प्रदान की है। अपने शुरुआती कार्यकाल में, उन्होंने कई ऐसे जनहितैषी और सख्त कदम उठाए हैं, जिनकी सराहना आम जनता के साथ-साथ सामाजिक संगठन भी कर रहे हैं। भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल के संस्थापक एके बिंदुसार और राष्ट्रीय अध्यक्ष (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सेल) राममिलन जायसवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कलेक्टर का गर्मजोशी से स्वागत एवं अभिनंदन किया है, जो उनके कार्यों की महत्ता को दर्शाता है।
 त्वरित निरीक्षण और सख्त प्रशासनिक कदम
कलेक्टर बैनल ने पदभार संभालने के तुरंत बाद से ही जमीनी हकीकत जानने और जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है:
  स्वास्थ्य एवं दवा नियंत्रण: 5 अक्टूबर को, कलेक्टर ने तत्काल गठित टीमों के माध्यम से मेडिकल स्टोर्स का आकस्मिक निरीक्षण करवाया और जिले में प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री पर सख्त कार्रवाई की।
 अस्पताल और जन औषधि केंद्र: 6 अक्टूबर को, उन्होंने जिला चिकित्सालय और जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना था।
  शैक्षणिक संस्थानों पर सख्ती: 10 अक्टूबर को, कन्या और महाविद्यालय बालक छात्रावासों की अधीक्षिक/अधीक्षकों को उनके कार्य में लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
 औचक निरीक्षण और कार्रवाई: 16 अक्टूबर को, आंगनबाड़ी केंद्र करौटी का औचक निरीक्षण किया गया। अनियमितता पाए जाने पर, करौटी के खाद्य विक्रेता को तत्काल पद से पृथक कर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया, जो प्रशासनिक सख्ती का बड़ा उदाहरण है।
जनसुनवाई में संवेदनशीलता और न्याय
कलेक्टर ने जन समस्याओं के समाधान में भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है:
 समानता आधारित जनसुनवाई: एक जनसुनवाई कार्यक्रम में, उन्होंने 500 से अधिक पत्रों का निरीक्षण किया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने आवेदकों को अपने ही समान कुर्सी पर बैठाकर उनसे संवाद किया, जिससे प्रशासन के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ा है।
 शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण पर फोकस
  दिव्यांग बच्चों को तकनीकी सहायता: कलेक्टर ने दिव्यांग बच्चों के छात्रावास में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध करवाया, जो समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  छात्रावासों का निरीक्षण: 9 नवंबर को अनुसूचित जाति छात्रावास देवरा का निरीक्षण कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट विद्यालय और जिला जेल बैढ़न का भी औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
⚖️ न्यायपालिका और बाजार नियंत्रण
 राजस्व न्यायालयों की जाँच: कलेक्टर ने राजस्व न्यायालय कोर्ट बैढ़न एवं पंजरेह का भी निरीक्षण किया और अनियमितताओं पर कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
 खाद्य सुरक्षा: खाद्य एवं बीज विक्रेता केंद्रों का निरीक्षण कर नमूने लिए गए, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिल सके।
कलेक्टर गौरव बैनल की यह गतिशील कार्यशैली सिंगरौली जिले में सुशासन (Good Governance) और जवाबदेह प्रशासन की नई नींव रख रही है, जिससे उम्मीद है कि जिले के विकास को एक नई दिशा मिलेगी।

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