रिपोर्ट सत्यदेव पांडे
हाथी नाला /सोनभद्र/कोटा निवासी निर्भय चौधरी ज्ञापन की फोटो कापी देते हुए बताया कि बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में पट्टाधारकों द्वारा मानक से अधिक खनन व ई-एम०एम०-11 की कालाबाजारी के संबंध में जिलाधिकारी महोदय और खान अधिकारी के नामित एक पत्रक भेजते हुए शिकायत कर मांग किया गया है कि
1.बिल्ली मारकुण्डी के खनन क्षेत्र में स्थित पट्टाधारक श्रीमती रिंकी श्रीवास्तव पत्नी सुधीर कुमार श्रीवास्तव निवासी ग्राम बिल्ली मारकुण्डी के खदान की वैधता दिनांक 07.10.2023 से 06.10. 2033 तक है तथा प्रतिवर्ष खनन परमिट 44354 घनमी० है उक्त के सन्दर्भ में सादर अवगत कराना है कि उक्त खनन पट्टेधारक द्वारा उक्त स्वीकृत खनन पट्टा पर आज तक कोई खनन कार्यवाही नही किया गया है।
उक्त खनन पट्टेधारक द्वारा बिना खनन संक्रियाएं सम्पादित किये ही अपने स्वीकृत घनमीटर जो प्रतिदिन 122 घनमीटर का खनन करना है लेकिन खनन पट्टेधारक दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कि उक्त खनन पट्टे के ई-एमएम-11 अवैध खनन माफियाओं को बिक्री किया जा चुका है जिसका उदाहरण उक्त खनन पट्टे का स्थलीय निरीक्षण करने से प्रमाणित हो जायेगा। यह तथ्य भी समाचीन है कि उक्त खनन पट्टे स्थल पर कोई भी पथरीली जमीन न होकर लगभग 60-80 फीट तक मिट्टी है जो कृषि कार्य हो सकता है। ऐसे व्यक्ति मा० श्रीमान् जी को अन्धकार में रखकर कृषि भूमि पर खनन पट्टा स्वीकृत कराये है जो विधि की दृष्टि में सरासर गलत व शून्य है। उक्त खनन पट्टा स्वामिनी के पति अधिवक्ता है जो ओबरा तहसील में विधि व्यवसाय करते है उक्त के द्वारा दर्शाकर गलत शपथ पत्र प्रस्तुत कर खनन पट्टा स्वीकृत कराये है। ऐसी स्थिति में उक्त खनन पट्टेधारक के विरूद्ध दण्डनात्मक कार्यवाही किया जाना न्यायहित में आवश्यक है जिससे उक्त के उदाहरण की पुनरावृत्ति रोकी जा सकें।
2. यह कि खनन पट्टा मे० श्री स्टोन ग्राम बिल्ली मारकुण्डी के खदान की वैधता दिनांक 06.12.2022 से 05.12.2023 तक है जिसमें प्रतिवर्ष 37134.00 घनमीटर खनन संक्रियाएं सम्पादित करनी है तथा श्री मंगला प्रसाद पुत्र लालजी निवासी बिल्ली मारकुण्डी व पार्टनर श्रीराम आसरे, रामजी वैश्य के नाम से ग्राम बिल्ली मारकुण्डी के खदान की वैधता दिनांक 19.04.2025 से 18.04.2035 तक है जिसमें प्रतिवर्ष 60000.00 घनमीटर खनन संक्रियाएं संम्पाति करनी है। उक्त दोनों खनन पट्टे मंगला प्रसाद व श्री स्टोन द्वारा स्वीकृत घनमीटर से अधिक खनन संक्रियाएं लाखों घनमीटर का कर दिये है। उक्त दोनों खनन पट्टा 1-2 वर्ष में अपने 10 वर्षीय घनमीटर से भी अधिक विस्फाटक सप्लायरों से अधिक विस्फोटक लेकर खान सुरक्षा के मानकों की खुल्लम खुल्ला धज्जियां उड़ाते हुए लगभग साढ़े तीन सौ से चार सौ फीट खोदकर गहरी खदान बना दिये है। उक्त खदान आज की तिथि में भौतिक रूप से अत्यन्त ही घातक व खतरनाक हो चुकी है। विगत् माह श्री स्टोन खनन पट्टे पर मजदूरों की मृत्यु हो चुकी है। उक्त खनन हादसों को पट्टेधारक द्वारा वाहन दुर्घटना में परिवर्तित कर मानवता व विधि का व संविधान का खुल्लम खुल्ला धज्जियां उड़ाये है। उक्त खनन पट्टों के खान सुरक्षा के नियमों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किये जा रहा है है जिसका भौतिक रूप से सत्यापन आप श्रीमान् जी को अधोहस्ताक्षरी द्वारा कराया जा सकता है। यह तथ्य भी समाचीन है कि खान सुरक्षा विभाग द्वारा अपने दामन को साफ-पाक रखने के लिये और पट्टेधारकों से अवैध वसूली करने के लिए धारा-22 खान सुरक्षा नियम व अधिनियम को अधिरोपित कर अपने दायित्वों से व अपने पदीय कर्तब्यों से विमुख होने की प्रवंचना करते है। आज की तिथि में उक्त दोनों खनन पट्टा अपने सम्पूर्ण 10 वर्षीय घनमीटर पत्थर का खनन कर चुके है एवं उक्त अवैध खनन के कार्यवाही में विस्फोटक सप्लायरों की भूमिका प्रमुख रही है। यह तथ्य भी समाचीन है कि पत्थर खनन संक्रियाओं में विस्फोटक का प्रयोग एक महत्वपूर्ण योगदान होता है। बिना विस्फोटक के खनन संक्रियाएं सम्पादित नहीं हो सकती है। उक्त पट्टेधारक के साथ-साथ विस्फोटक सप्लायर भी उतने ही जिम्मेदार है जिसका भौतिक रूप से विवेचना कर आर्थिक दण्ड अधिरोपित करते हुए दण्डनात्मक कार्यवाही किया जाना चाहिए तथा उक्त खनन पट्टों द्वारा अवैध खनन करते समय पर्यावरण को अत्याधिक क्षति कारित किये है तथा भूगर्भ जल का अत्याधिक दोहन किया गया है जिससे भूगर्भ जल स्तर अत्याधिक संकटापन्न हो गया है। उक्त खनन पट्टों का भूगर्भ जल अनापत्ति आज तक नहीं है। बिना भूगर्भ अनापत्ति के उक्त खनन पट्टे कासंचालन एक यक्ष प्रश्न है शिकायतों पर गम्भीरतापूर्वक विचारण जाँच हेतु जिम्मेदार प्राधिकारी को नियुक्त करें जिससे निकट भविष्य में जनपद सोनभद्र को दिनांक 15.11.2025ई0 के खनन हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके तथा समाज में आम जनमानस को विधि व संविधान के प्रति आस्था रहे तथा जनपद-सोनभद्र में खनन माफियाओं के आपराधिक कृत्य की रोकथाम हो सकें।
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