वाराणसी।ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर आज रामनगर स्थित उनके पैतृक निवास पर पदाधिकारियों सहित पहुंचकर उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा ईमानदारी, सादगी, दृढ़ निश्चय और निष्ठा के प्रतीक शास्त्री जी का जीवन प्रेरक है, उनके द्वारा दिया गया जय जवान जय किसान का संदेश आज भी हमारे सैनिकों की शक्ति और किसानो के सम्मान और गौरव का प्रतीक है। उनका जीवन और नेतृत्व राष्ट्र की एकता आत्मनिर्भरता और प्रगति की सदैव प्रेरणा देता रहेगा। देश के ऐसे महापुरुष को शत-शत नमन है। उन्होंने कहा शास्त्री जी के जीवन से हमें सादगी पूर्ण जीवन जीने की सीख मिलती है उनका जीवन और राजनैतिक क्रियाकलाप जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सैद्धांतिक और व्यावहारिक था।
लाल बहादुर शास्त्री का दिया हुआ नारा मरो नहीं, मारो' पूरे देश में क्रांति की ज्वाला को प्रचंड किया।
शास्त्री जी सच्चे गांधीवादी थे जिन्होंने अपना सारा जीवन सादगी से बिताया और उसे गरीबों की सेवा में लगाया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व आंदोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही और उसके परिणामस्वरूप उन्हें कई बार जेलों में भी रहना पड़ा। जम्मू-कश्मीर के विवादित प्रांत पर पड़ोसी पाकिस्तान के साथ 1965 में हुए युद्ध में उनके द्वारा दिखाई गई दृढ़ता के लिए उनकी बहुत प्रशंसा हुई। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध न करने की ताशकंद घोषणा के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। मरणोपरांत वर्ष 1966 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महासभा राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य महेंद्र विश्वकर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष नंदलाल विश्वकर्मा, जिला अध्यक्ष सुरेश विश्वकर्मा, योगी अर्जुन विश्वकर्मा, कैलाश नाथ विश्वकर्मा आदि लोग थे।
