प्रयागराज। विगत लंबे समय से आए दिन मिशन शक्ति के नाम पर मात्र दिखावे के लिए किसी छात्रा को मात्र 1 दिन का कोई अधिकारी बनाकर मात्र फोटोबाजी, वीडियोबाजी व न्यूजबाजी को वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय ने समाज में बच्चों के बीच विभेदकारी आत्मघाती अनुचित कदम बताते हुए सरकार से आग्रह किया है कि वह दिखावटी नाटक कराने के बजाय वास्तविक रूप से बच्चों का भविष्य संवारने के लिए उनमें समानता का माहौल बनाते हुए उन्हें जीवन भर के लिए रोजगार मुहैया कराए।
उपरोक्त बातें मीडिया से करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय ने कहा कि यह निहायत ही निंदनीय, शर्मनाक व लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बदनुमा काका धब्बा है की आजादी के 78 वर्षों की बाद भी भारत वर्ष में जानबूझकर जातिवादी, वर्गवादी, धर्मवादी, क्षेत्रवादी दृष्टिकोण अपनाकर लोगों में विभाजन की रेखा खींची जाती है जोकि तत्काल बंद होना चाहिए। आर के पाण्डेय एडवोकेट ने कहा कि अब समय आ गया है कि विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व सामाजिक संगठनों को आगे आकर 1 राष्ट्र, 1 व्यवस्था की बात करते हुए उसे लागू भू करना चाहिए। उन्होंने चुनौतीपूर्ण ढंग से कहा कि जो अधिकारी व नेता किसी बच्चे को 1 दिन को दिखावटी अधिकारी के रूप में कुर्सी पर बैठाते हैं वे अपने पद से त्यागपत्र देकर अपने कुर्सी पर किसी योग्य बच्चे की सदैव के लिए अपनी नौकरी क्यों नहीं दे देते।