गिरिडीह। खंडोली बचाओ अभियान के तहत सोमवार को JLKM के बैनर तले बड़ी संख्या में ग्रामीण खंडोली डैम पहुंचे और आठ सूत्री मांगों को लेकर जल समाधि लेने का प्रयास किया। जैसे ही ग्रामीण पानी में उतरने लगे, प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गई। मौके पर मौजूद बेंगाबाद थाना पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। अंततः पुलिस को बल प्रयोग कर सभी को पानी से बाहर निकालना पड़ा। इस दौरान आंदोलनकारी ग्रामीणों और पुलिस कर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई।
ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 1992 में जब जमीन DVC को दी गई थी, तब खंडोली डैम का सीमांकन स्पष्ट नहीं किया गया। अब डैम की सीमा बढ़ाए जाने से उनकी जमीन भी डैम क्षेत्र में शामिल कर ली गई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ज़मीन प्रशासन ने गलत तरीके से अधिग्रहित की है और जब उन्होंने कागजात मांगे तो जिला प्रशासन की ओर से कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाया गया। उनका आरोप है कि स्थानीय लोग अपनी पुश्तैनी जमीन से बेदखल किए जा रहे हैं और सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
आंदोलनकारी ग्रामीणों ने आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन पहले ही सीओ और जिला प्रशासन को सौंप दिया था। इसमें जमीन का सीमांकन कर रैयतों को जमीन वापस करने, विस्थापित परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास देने जैसी मांगें शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक उनकी किसी भी मांग पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
JLKM नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की तो आने वाले 15 दिनों में ग्रामीण बड़ी संख्या में डैम पहुंचकर जल समाधि की सामूहिक आंदोलनात्मक कार्रवाई करेंगे। इसके लिए उन्होंने व्यापक जनसमर्थन जुटाने की भी घोषणा की है।
डैम के इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। वहीं ग्रामीणों का आंदोलन तेज होता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।