आज दिनांक 10 सितम्बर 2025 को श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद शाहजहाँपुर द्वारा थाना कटरा में महिला पुलिसकर्मियों के छोटे बच्चों के लिये एक सुरक्षित, सुविधाजनक, अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने हेतु “बाल शिशु गृह” तथा थाने में आने वाले बच्चों, विशेषकर पीड़ित या साक्षी के रूप में उपस्थित होने वाले बच्चों को एक भयमुक्त, सहायक और सम्मानजनक वातावरण उपलब्ध कराने हेतु “बाल मित्र केंद्र" का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, क्षेत्राधिकारी तिलहर, प्रशिक्षु क्षेत्राधिकारी भी उपस्थित रहे ।
*थाने पर महिला पुलिसकर्मियों हेतु बाल शिशुगृह की स्थापना का उद्देश्य-*
थाना कटरा पर बाल शिशुगृह विशेष रूप से ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है ताकि वे ड्यूटी पर रहते हुए अपने शिशुओं एवं छोटे बच्चों को एक सुरक्षित, सुविधाजनक एवं अनुकूल वातावरण में रखकर अपनी ड्यूटी संबंधी जिम्मेदारियों का सुचारु रूप से निर्वहन कर सकें। इस बाल शिशुगृह में छोटे बच्चों के खेलने के लिए अनेक संसाधन जैसे कि झूले, खिलौने, अन्य खेलने सम्बन्धी सामग्री की व्यवस्था की गई है, जिससे बच्चों को आरामदायक और आनंददायक वातावरण प्राप्त हो सके । यहाँ स्वच्छता, सुरक्षा एवं देखभाल की समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं।
*बाल मित्र केंद्र बच्चों के लिए एक सुरक्षित व सहयोगी वातावरण –*
थाने में स्थापित बाल मित्र केंद्र का उद्देश्य थाने में आने वाले बच्चों, विशेषकर पीड़ित या साक्षी के रूप में उपस्थित बच्चों को एक भयमुक्त, सहायक और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना है, यह केंद्र किशोर न्याय अधिनियम एवं मानवाधिकार संरक्षण की भावना के अनुरूप संचालित किया जाएगा ।
*पुलिस अधीक्षक महोदय के दिशा-निर्देश-*
श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा निरीक्षण उपरांत सम्बन्धित अधिकारियों एवं स्टाफ को निर्देशित किया गया कि बाल मित्र केंद्र व बाल शिशुगृह को सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से संचालित किया जाए ।
पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा यह भी कहा गया कि “जनविश्वास ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है और उसकी दिशा में हर छोटी पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, क्षेत्राधिकारी तिलहर, क्षेत्राधिकारी प्रशिक्षु विशेष रूप से उपस्थित रहे, सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया ।
*यह पहल उत्तर प्रदेश पुलिस में मानवीय दृष्टिकोण से की गई एक अभिनव शुरुआत है जो न केवल कार्यस्थल पर महिलाओं की सहभागिता को बढ़ाएगी, बल्कि उनके बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को भी सुनिश्चित करेगी तथा बाल मित्र केंद्र से थाने में आने वाले बच्चों, विशेषकर पीड़ित या साक्षी के रूप में उपस्थित होने वाले बच्चों को एक भयमुक्त, सहायक और सम्मानजनक वातावरण मिल सकेगा ।*
रिपोर्ट राहुल गुप्ता
