मिर्जापुर, तहसील के कैलहट में अन्नपूर्णा भवन निर्माण का विरोध सरकार की जनहितकारी योजना में बाधा

बृज बिहारी दुबे
By -

मिर्जापुर चुनार कैलहट गांव में बन रहे अन्नपूर्णा भवन के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह भवन सरकार की योजना के तहत बन रहा है, जिसे जनहित में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक कदम माना जा रहा है। हालांकि, गांव के कुछ अराजक तत्वों और कोटेदार द्वारा इस जनहितकारी कार्य का विरोध किया जा रहा है, जिससे सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा आ रही है।

*विरोध का कारण और सरकार की मंशा*

यह विरोध मुख्य रूप से गांव की राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। आरोप है कि गांव के कोटेदार ने कुछ अराजक तत्वों को नशीले पदार्थों का सेवन कराकर इस काम में रुकावट डालना शुरू कर दिया है। सरकार की मंशा के अनुसार, अन्नपूर्णा भवन जैसी योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए बनाई जाती हैं, लेकिन इस तरह की बाधाओं से इन योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुँच पाता। इस विरोध को सरकारी कार्य में बाधा डालने का एक गंभीर मामला माना जा रहा है, और ऐसे कोटेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।

*ग्रामीणों का समर्थन और कोटेदार पर आरोप*

जब मीडिया की टीम ने गांव का दौरा किया, तो कई ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार सिंह के कार्यों के प्रति संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा कराया जा रहा यह कार्य पूरी तरह से जनहित में है और इससे गांव के लोगों को काफी लाभ होगा। नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गांव का कोटेदार एक दबंग और गुंडा किस्म का व्यक्ति है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोटेदार का बेटा महेश सिंह दबंगई के बल पर राशन वितरित करता है, लोगों को भगा देता है और अंगूठा नहीं लगाता, जिससे गांव में राशन की कालाबाजारी चरम पर है। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अन्नपूर्णा भवन का निर्माण जनहित में अत्यंत
 आवश्यक है।

*ग्राम प्रधान का बयान*

मीडिया से बातचीत के दौरान ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि अन्नपूर्णा भवन का निर्माण सरकार की योजनाओं के तहत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए लेखपाल, कानूनगो और तहसील के उच्च अधिकारियों से पूरी अनुमति ली गई है और इसमें किसी भी तरह की अनियमितता नहीं है। प्रधान ने साफ तौर पर कहा कि यह विरोध राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है और इसका उद्देश्य केवल सरकारी काम में बाधा डालना है।

*प्रशासन से कार्रवाई की मांग*

यह पूरा मामला अब जांच का विषय बन गया है। स्थानीय अधिकारियों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करें और सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को निर्बाध रूप से पूरा कराएं। इस तरह के विरोध को रोकने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने से ही सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से लोगों तक पहुँच पाएगा।


एके बिंदुसार की खास रिपोर्ट

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!