गणेश विसर्जन की दसवीं वर्षगांठ

बृज बिहारी दुबे
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नई  दिल्ली :वकीलों द्वारा जारी है गणेश विसर्जन की अनूठी परंपरा , रोहिणी कोर्ट में वकीलों द्वारा गणपति विसर्जन की दसवीं वर्षगांठ धूम धाम से मनाई गई ।

 गणेश विसर्जन, जिसे गणपति विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है

और दस दिनों तक चलने वाले गणेश चतुर्थी उत्सव के समापन का प्रतीक है। यह त्योहार ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता, भगवान गणेश के जन्म का उत्सव मनाता है। विसर्जन समारोह में गणेश की मूर्तियों को जल निकायों, आमतौर पर नदियों, झीलों या समुद्रों में विसर्जित किया जाता है। भक्त भगवान गणेश की विस्तृत रूप से निर्मित मूर्तियों को संगीत, नृत्य और मंत्रोच्चार के साथ जीवंत जुलूस में ले जाते हैं। जब लोग अपने प्रिय देवता को विदाई देते हैं ।

यह विसर्जन भगवान गणेश के अपने दिव्य निवास के लिए प्रस्थान का प्रतीक है, जो उनके पृथ्वी प्रवास के अंत और अगले वर्ष उनके पुनः आगमन के वादे का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि विसर्जन के दौरान, भगवान गणेश अपने भक्तों के दुर्भाग्य और बाधाओं को अपने साथ ले जाते हैं और उन्हें आशीर्वाद और समृद्धि प्रदान करते हैं।
गणेश विसर्जन  देश भर से करोडों  भक्तों को आकर्षित करता है। हाल के वर्षों में, इस त्योहार के दौरान पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए हैं, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए जैव-निम्नीकरणीय मूर्तियों और जैविक सामग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है।
गणेश विसर्जन मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है, लेकिन इसने दुनिया के अन्य  हिस्सों में भी लोकप्रियता हासिल की है, जहाँ हिंदू   रहते हैं। यह त्योहार सामुदायिकता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को बढ़ावा देता है, और अपने प्रतिभागियों के बीच एकता और भक्ति की भावना को मूर्त रूप देता है।
लॉयर्स यूनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष श्री राजीव अग्निहोत्री द्वारा विसर्जन की अनूठी परंपरा के तहत चंद्र पाल सिंह गुसांई को गणेश प्रतिमा जिसकी पूजा पूरे  दस दिन की गई भेंट  स्वरुप दिए गए ।

श्री अग्निहोत्री का कहना है श्री गणेश भगवान  ने कभी नहीं कहा उनको नदियों,झीलों तालाबों में विसर्जित किया जाये ।

अधिवक्ता चंद्र पाल सिंह गुसांई ने कहा यह मेरा सौभाग्य है कि प्रतिमा मुझे दी  गई,  पर्यावण प्रेमी हूँ और गणेश भक्त भी ।

श्री अग्निहोत्री  ने कहा  यह ज़रूरी है कि हम इस त्यौहार को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए मनाएँ ।
अधिवक्ता अजीत कुमार, विचित्र कुमार , बबिता अहलावत , वेद परकाश , प्रेम प्रकाश वशिष्ट , एम् सुब्रमनयम , देवेंद्र सिंह बिष्ट कमलेश गुप्ता,  संतोष कुमार सिंह , अशोक शर्मा,  विवेक वर्मा  , हरदेव चड्ढा आदि ने हिस्सा लिया ।

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