नवागत शोध छात्र-छात्राओं के लिए एक इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

बृज बिहारी दुबे
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वाराणसी।उदय प्रताप कॉलेज के शोध अनुभाग द्वारा आज राजर्षि सेमिनार हाल में नवागत शोध छात्र-छात्राओं के लिए एक इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा शोध कार्यक्रम संचालित करने की अनुमति प्राप्त होने के बाद पहली बार शोध में प्रवेश लिया गया है। आज के इस इंडक्शन प्रोग्राम की अध्यक्षता जय प्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने किया। उन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि इन नवप्रवेशी शोध छात्र-छात्राओं  की पहली पीढ़ी पर शोध कार्यक्रम को अच्छी तरह संचालित करने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि नवप्रवेशी शोध छात्र-छात्राओं  को पूरे मनोयोग से शोध कार्य में लगना चाहिए।  शोध प्रक्रिया पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वास्तव में शोध हाइपोथिसिस से शुरू होकर समस्या के समाधान पर समाप्त होता है।  नवप्रवेशी शोध छात्र-छात्राओं को यह भी सुझाव दिया की अपने शोध कार्य के दौरान रिव्यू अर्थात उपलब्ध साहित्य का सर्वेक्षण आरंभ में ही करें ।यहीं से शोध प्रश्न प्राप्त हो जाता है जिसे लेकर पूरी शोध अवधि में कार्य कार्य विभिन्न चरणों में संपन्न होता है ।
     आज के इस इंडक्शन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी  के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. एवं सीडीसी के डिप्टी कोऑर्डिनेटर प्रो.समरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा केवल औपचारिकता नहीं होती , बल्कि एक गंभीर सामाजिक उत्तरदायित्व  है। उन्होंने महाविद्यालय के शोध छात्र-छात्राओं को अपने संस्थान में शोध कार्य के क्षेत्र में पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में शोध मशीन नहीं करती, बल्कि शोध आइडिया का होता है। प्रो. समरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि शोध के द्वारा प्राप्त ज्ञान केवल प्रसिद्धि  के लिए नहीं होना चाहिए,  बल्कि यह अपने आप में एक आवश्यक कर्म है ।
       आज के इस इंडक्शन प्रोग्राम में विशिष्ट अतिथि के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय  में भौतिकी  विभाग के प्रो.रंजन कुमार सिंह ने कहा कि शोधार्थी होना जीवन का सबसे सुनहरा अवसर है। यहां के विद्यार्थी जब शोध कार्य पूर्ण करके जाएंगे तो उदय प्रताप कॉलेज की कार्य संस्कृति को भी अपने साथ ले जाएंगे। उन्होंने नवप्रवेशी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की शोध कार्य के दौरान नई-नई चीज पढ़ने और समझने का अवसर मिलता है। समस्याएं भी आती हैं किंतु उनके समाधान भी धैर्य के साथ मिलते हैं।
        इंडक्शन प्रोग्राम के आरंभ में स्वागत वक्तव्य एवं  विषय प्रवर्तन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में इस इंडक्शन प्रोग्राम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है की महाविद्यालय को विश्वविद्यालय के द्वारा शोध कार्यक्रम को यूजीसी के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार से चलाने की अनुमति प्राप्त हुई है। उन्होंने नवागत शोधार्थियों के लिए कहा कि महाविद्यालय ने शोध कार्य के दौरान जिस भी सुविधा की आवश्यकता होगी उसे पूरी तरह से प्रदान किया जाएगा लेकिन शोध की गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। इसलिए सभी शोध छात्र पूरी ईमानदारी और मौलिकता के साथ कार्य करें। इस इंडक्शन प्रोग्राम में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष एवं यूजीसी सेल के प्रभारी प्रो.  देवेंद्र कुमार सिंह ने नवागत शोध छात्राओं को शोध के तकनीकी पक्ष से अवगत कराया। 
          आज के इस इंडक्शन प्रोग्राम में प्रो. सुधीर कुमार शाही. प्रो. शशिकांत द्विवेदी,  प्रो. एन.पी. सिंह,  प्रो. राघवेंद्र सिंह , प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह , प्रो प्रज्ञा परमिता, प्रो तुमुल सिंह, प्रो मधु सिंह, प्रो अंजू सिंह प्रो. राजीव रंजन सिंह, प्रो. संजय कुमार शाही, प्रो. मीरा सिंह, प्रो. प्रज्ञा पारमिता, प्रो. मनोज प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. संजीव सिंह, प्रो. पंकज कुमार सिंह, प्रो.गोरखनाथ, प्रो. राघवेंद्र सिंह रघुवंशी, प्रो. रेनू सिंह,  प्रो. रश्मि सिंह, प्रो. पी.के. सिंह, डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव, प्रो,आलोक सिंह, डॉ. डी.डी. सिंह , डॉ.शिवराज वर्मा, प्रो. अनीता सिंह, प्रो. आशुतोष गुप्ता, प्रो. अलका रानी गुप्ता , डा .शशिबाला,  डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. अनिल कुमार सिंह, प्रो.मनीष कुमार गुप्ता , डा .कुलभूषण आनंद, प्रो. कुलदीप सिंह, डॉ. सतीश प्रताप सिंह, डॉ. दुष्यंत कुमार, डॉ. पुष्पराज शिवहरे, डॉ अनुराग उपाध्याय ,इंजीनियर सुधीर नारायण मिश्रा ,इंजीनियर राजेश कुमार राय , डॉ.अमित कुमार चौहान , डॉ. देवेश चंद्र , डॉ.सत्य शरण मिश्रा सहित सहित बड़ी संख्या में नव प्रवेशी नव प्रवेशी शोध छात्रा उपस्थित रहे।

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