विकास खण्ड-जमालपुर के ग्राम-भाईपुर कलां निवासी श्रीमती घुरा देवी को मुंह में कैंसर हो गया है,जिनके इलाज के लिए 06 अगस्त 2025 को महामना पंडित मदनमोहन मोहन मालवीय टाटा कैंसर हास्पिटल वाराणसी में जाना पड़ा तथा उसी दिन फाइल बनवा कर डाक्टर को दिखाया भी गया,लेकिन डाक्टर द्वारा यहां जगह नहीं होने की बात कहकर बाहर प्राईवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए चार डाक्टरों का मोबाइल नंबर देकर उनसे संपर्क करने को कहा गया।लेकिन मरीज द्वारा टाटा कैंसर हास्पिटल में ही इलाज कराने के लिए जोर देने पर फाइल जमाकर वेटिंग हॉल में बैठने को कहा जाता है।साम को लगभग पांच बजे मरीज को पुनः बुलाकर फाइल पर तमाम ब्लड जांच एवं बायोस्पी कराने के लिखा जाता है,लेकिन देर हो जाने पर उस दिन ब्लड,बायोस्पी कुछ नहीं हो पाता है।फिर वहां 08 अगस्त को जाने पर ब्लड लिया जाता है और बायोस्पी के लिए11अगस्त का डेट दिया जाता है,फिर11अगस्त को बायोस्पी कराने के बाद 22 अगस्त को सीटी स्कैन का डेट मिलता है,फिर 22 अगस्त को सीटी स्कैन कराने के बाद 03 सितंबर को डाक्टर से मिलने का डेट मिलता है,फिर 03 सितंबर को डाक्टर से मिलने के बाद 18 सितंबर को बेहोशी वाले डॉक्टर से मिलने का डेट मिलता है,अभी आगे और कितना डेट मिलेगा कुछ कह नहीं सकते।सिर्फ जांच के नाम पर दौड़ते-दौड़ते महीने भर से उपर हो गया।आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी जांच आदि मे मरीज का लगभग बीस-पच्चीस हजार रुपए खर्च हो चुका है।आज महामना पंडित मदनमोहन मालवीय कैंसर हास्पिटल की स्थिति यह कि अमीर तो यहां इलाज करा सकता है लेकिन गरीबों का मरना तय है,जबकि इनके फाइल पर"जल्द जानकारी होने पर कैंसर ठीक हो सकता है"जैसे स्लोगन भी लिखा है फिर भी जानबूझकर जनरल फाइल वाले गरीब मरीजों के इलाज में देर किया जाता है और जांच के नाम चार-छः महीने दौड़ाते-दौड़ाते मरीज को मार दिया जाता है। वर्तमान समय में हास्पिटल
में मरीजों की बढ़ती भीड़ व हास्पिटल में व्याप्त दुर्व्यवस्था के चलते इनका इलाज अब बाहर किसी प्राइवेट अस्पताल में कराने के लिए सोचना पड़ रहा है।अब अन्य कैंसर मरीजों को भी सलाह देता हूं कि टाटा कैंसर हास्पिटल वाराणसी में इलाज कराने की बजाय किसी प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा लें।इस समय आठ दस कैंसर मरीजों का इलाज प्राईवेट अस्पतालों में चल भी रहा है।सभी कैंसर मरीजों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए इमरजेंसी
जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन से मांग करता हूं।
रिपोर्ट रामसेवक सैनी
