मिर्जापुर कैलहट गांव में अन्नपूर्णा भवन का निर्माण चल रहा है, जिसे ग्रामीण पूरे गांव के लिए एक लाभदायक और सराहनीय सरकारी योजना मान रहे हैं। लेकिन, गांव के कोटेदार ने इस निर्माण का विरोध कर दिया है, जिसके बाद ग्रामीण भड़क गए हैं।
ग्रामीणों ने मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे इस भवन निर्माण के समर्थन में हैं और चाहते हैं कि काम जल्द से जल्द पूरा हो। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार ने कई बार अपनी मनमानी की है और अब वह एक जरूरी सरकारी काम में अड़चन डाल रहा है।
*ग्रामीणों की मांग: कोटेदार का चुनाव*
ग्रामीणों ने इस मामले में संविधान और कानून का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत स्वतंत्रता पूर्वक निर्णय लेने का अधिकार है और अनुच्छेद 21 न्यायपूर्ण एवं गरिमामयी जीवन सुनिश्चित करता है।
इसके साथ ही, उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 4 और 26 का भी जिक्र किया, जो पारदर्शिता और जनता की जागरूकता को प्राथमिकता देती है। ग्रामीणों का कहना है कि इन सभी अधिकारों को देखते हुए, कोटेदार का चुनाव कराना अब बहुत जरूरी और न्यायसंगत है। उनका मानना है कि वर्तमान कोटेदार ने जो गलतियां की हैं, उनके कारण अब इस पद के लिए चुनाव होना ही चाहिए।
ग्रामीणों ने दृढ़ता से कहा कि अन्नपूर्णा भवन का निर्माण सही जगह पर और अच्छे मानकों के साथ हो रहा है, इसलिए इसे किसी भी हाल में रोका नहीं जाना चाहिए। वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप करे ताकि यह जनहित का कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।
रिपोर्टर विजेंद्र बहादुर सिंह
