उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा. दावा है कि इस चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की या फिर उन्होंने अपने वोट खराब किए. इस बीच एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना ने दावा किया है कि मतदान के समय उद्धव ठाकरे गुट के पांच सांसद हमारे संपर्क में थे. उन्होंने वोट एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को दिया.
शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने कहा, ''शरद पवार गुट के सांसदों ने भी NDA को मतदान किया. कितने सांसदों ने हमें वोट किया इसकी जानकारी नहीं है. विपक्ष के पास 324 वोट थे, लेकिन विपक्ष को 300 वोट ही मिले. विपक्ष अब इस चुनाव के बाद वोट चोरी का रोना नहीं रोएगा.''
संजय निरुपम ने खड़े किए सवाल
निरुपम ने कहा, ''सुबह से विपक्ष के बड़बोले नेता अलग अलग दावे कर रहे थे. वातावरण बना रखा था कि NDA के वोट बिखर जाएंगे, लेकिन परिणाम के बाद NDA के संख्याबल से ज्यादा मतदान मिले. एनडीए को 16 मत ज्यादा मिले जबकि 15 वोट रद्द हुए या कई लोग उपस्थित नहीं थे. YSRCP ने एनडीए को समर्थन दिया. 16 वोट किसके हैं, ये अब सवाल है.''
संजय राउत ने क्या कहा?
सत्तापक्ष के दावों पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने दावा किया कि हमें हमारे सारे वोट मिले. हमारा 315 का आंकड़ा था और वो हमें मिले हैं. 15 वोट रिजेक्ट हुए हैं. मुझे इसके कारण नहीं पता हैं.
राधाकृष्णन को कुल 452 और विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. कुल 781 सदस्यों में से 767 ने मतदान किया था, जिसमें 15 वोट अवैध करार दिए गए. विपक्ष का कहना था कि कम से कम 320 वोट सुरदर्शन रेड्डी को मिलेंगे, लेकिन 300 वोट ही मिलना इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका है.
उपराष्ट्रपति चुनाव रिजल्ट के बाद बीजेपी के सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि करीब 40 विपक्षी सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और किसी न किसी रूप में एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में मतदान किया.