गिरिडीह में पर्यटन और इको-टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड ने पीरटांड अंचल में 396.22 हेक्टेयर भूमि पर चिड़ियाघर निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह चिड़ियाघर दूधनिया, कवरियाबेडा, कुम्हरलालो, मदनपुरा, कठवारा और कर्णपुरा मौजा की जमीन पर बनेगा। इस योजना के क्रियान्वयन से न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इस बैठक में दुमका के हिजला पश्चिमी वन क्षेत्र में 116.35 हेक्टेयर में चिड़ियाघर और लातेहार के पुतवागढ़ क्षेत्र में 150 हेक्टेयर में टाइगर सफारी की स्थापना को भी स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को इन परियोजनाओं को पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इन प्रयासों से झारखंड में पर्यटन और वाइल्डलाइफ टूरिज्म को नई पहचान मिलने की उम्मीद है।
मंत्री सुदिव्य सोनू की पहल से गिरिडीह को यह दूसरा बड़ा तोहफा मिला है। पहली बार विधायक बनने पर उन्होंने पीरटांड में बायोडाइवर्सिटी पार्क की योजना सफलतापूर्वक स्वीकृत कराई थी, जिसका कार्य युद्धस्तर पर जारी है। दूसरी बार चुने जाने के बाद खंडोली और उसरी वाटरफॉल के विकास की योजनाएं शुरू की गईं। मंत्री बनते ही उन्होंने इन स्थलों पर इको-टूरिज्म डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया और अब चिड़ियाघर के निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है।
मंत्री सुदिव्य सोनू ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से प्रकृति-समृद्ध क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल झारखंड को पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक नई और सशक्त पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगी।
रिपोर्ट अमित बाछुका