नई दिल्ली माननीय प्रधानमंत्री महोदय,
पंजाब के बटाला शहर से एक बेहद ही चौंकाने और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक पत्रकार की कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की बेरहमी का शिकार होकर जान चली गई।
आरोप है कि दो सब-इंस्पेक्टरों ने पत्रकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिससे गर्दन पर जोरदार लात मारने पर उसकी गर्दन तक टूट गई,यह घटना सीसी कैमरे में कैद है जिसका वीडियो भी वायरल हुआ हैं।यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और पुलिस की जवाबदेही पर एक गंभीर सवालिया निशान लगाती है।
इस नृशंस घटना की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल) एवं इंटरनेशनल मीडिया आर्मी की टीम ने अपनी आवाज बुलंद की है। यूनियन के संस्थापक एके बिंदुसार ने कड़े शब्दों में सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि पत्रकारों को सिर्फ "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" दिखाए गए हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने की बात तो खूब हुई, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सिमटी रही।
उन्होंने कहा कि इधर बीच एक पेपर कटिंग में प्रधानमंत्री के और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के बयानों को बना कर समाचार में प्रकाशित की और वायरल हुई उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले पत्रकारों को इसी तरह गलियों में कुचला जा रहा है, और यह अस्वीकार्य है।
इस मामले में न्याय की मांग तेज हो गई है। यूनियन ने पंजाब और केंद्र सरकार से जोरदार अपील की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। यह सिर्फ एक पत्रकार की हत्या का मामला नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की सुरक्षा का सवाल है जो सच को सामने लाने की हिम्मत करता है। इस तरह के मामलों में निष्पक्ष और त्वरित जांच समय की मांग है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
यह घटना दर्शाती है कि पंजाब में पत्रकारों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। मोगा में एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या का जिक्र इस बात की पुष्टि करता है कि ऐसी घटनाएं अकेली नहीं हैं। अब समय आ गया है कि सरकारें सिर्फ आश्वासन न दें, बल्कि ठोस कदम उठाएं और पत्रकारों को सुरक्षित माहौल प्रदान करें ताकि वे बिना किसी डर के अपना काम कर सकें।