मिर्जापुर में बाढ़ का कहर: बघेड़ा गांव में राहत कार्यों पर उठे सवाल

बृज बिहारी दुबे
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नरायनपुर मिर्जापुर जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र के नरायनपुर क्षेत्र में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने भयंकर तबाही मचा दी है। बघेड़ा गांव समेत आसपास के कई गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे हजारों ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पानी में डूबे घर, बर्बाद हुई फसलें और पशुधन की हानि ने लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
प्रशासनिक दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर
स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि बाढ़ को लेकर सक्रिय होने का दावा कर रहे हैं। क्षेत्र के विधायक और जिले के सांसद लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और राहत कार्यों को सुनिश्चित करने की बात कह रहे हैं। लेकिन बघेड़ा गांव के निवासियों का आरोप है कि ये दावे सिर्फ कागजों और बयानों तक ही सीमित हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें राहत के नाम पर कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं मिल रही है। बाढ़ से घिरे होने के बावजूद, उन्हें न तो सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और न ही भोजन, स्वच्छ पानी, और दवाइयों जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी की जा रही हैं।
बढ़ता जलस्तर और ग्रामीणों का आक्रोश
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ग्रामीणों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरा आक्रोश है। वे सवाल उठा रहे हैं कि जब सभी जिम्मेदार लोग सक्रिय हैं, तो फिर उनकी मदद क्यों नहीं की जा रही है? यह घटना आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की कमजोरियों को उजागर करती है, जहां घोषणाएं तो बहुत होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर मदद नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति ने सरकार और जनता के बीच के भरोसे को भी ठेस पहुंचाई है।


रिपोर्ट राम सेवक

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