चोपन/सोनभद्र/ रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर मिष्ठान प्रतिष्ठानों पर 10 दिन पहले से बनी मिठाइयों से सजने लगी दुकाने और लगने लगी खरीददारों की भारी भीड़ लेकिन दुकानदारों द्वारा उपभोक्ताओं की सेहत को दरकिनार रखकरके लोगों के सेहत के साथ किया जा रहा है भारी खिलवाड़।जहां. तहां केमिकल युक्त मिठाइयों में मिलावट खोरी का भी सिलसिला जोरों पर जारी है क्योंकि भारी. भरकम खाद्य पदार्थों को परोसा जाना है। मिठाइयों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनाया जाना चाहिए लेकिन जिले से लेकर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मिठाई की दुकानों पर मानक दरकिनार मिठाइयों का सेल किए जा रहे हैं। दुकानों पर बिक रही मिठाइयों के पैकेट पर उनके बनाए जाने और खराब होने की तिथि नहीं लिखी जा रही है। रक्षाबंधन पर्व आते ही कई मिष्ठान प्रतिष्ठान के संचालक दुकान के बाहर खुले में मिठाइयों को लगाकर खरीद बेच करने लगते हैं जिससे तमाम तरह की महामारीयो के चपेट में आने की आशंका उपभोक्ताओं को बनी रहती है। पूर्व में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया एफएसएसएआई की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि मिठाइयों के पैकेट पर एक्सपायरी डेट लिखे जाएंगे। इस लापरवाही को देखकर भी जनपद के खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी अनजान बने हुए हैं। शहर से लेकर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में मिठाई की दुकानों पर कहीं पर भी मिठाई बनाने और उसके खराब होने की तिथि का जिक्र नहीं किया जा रहा है। आमतौर पर लोग चखकर और इससे उठने वाली महक के आधार पर ही सही या खराब होने की पहचान करते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एफएसएसएआई की ओर से 1 अक्टूबर 2020 से नए प्रावधान में कहा गया है कि मिष्ठान भंडार संचालक को काउंटर के भीतर मिठाई रखने से पहले प्रत्येक मिठाई की ट्रे पर उसके बनाए जाने की तिथि और एक्सपायरी डेट लिखनी होगी, इसके बाद ही मिठाईया बेची जा सकेगी, मगर फिर भी मुख्यालय सहित डाला ओबरा, चोपन, रेणुकूट, दूध्धी,के तमाम मिष्ठान प्रतिष्ठानो पर अराजकता साफ साफ देखी जा सकती है। डब्बे भी मिठाई की कीमत में तौले जा रहे है। फिर भी लेकिन इसका पालन कहीं नहीं होता है। हर छोटी से लेकर बड़ी दुकान पर इस नियम का पालन नहीं हो रहा है।
रिपोर्ट सत्यदेव पांडे