शिवसेना (NDA) के मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक एवं एनडीए चुनाव प्रभारी डॉ. अभिषेक वर्मा ने कहा कि 14 अगस्त केवल एक तारीख नहीं, बल्कि भारत के इतिहास का वह काला दिन है जिसने मां भारती के सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई। कांग्रेस की सत्ता-लालसा, दूरदर्शिता के अभाव और विभाजनकारी नीतियों के कारण भारत को जबरन दो टुकड़ों में बांटा गया।
इस विभाजन ने न केवल हमारी सीमाओं को चीर दिया, बल्कि करोड़ों लोगों की जिंदगी तबाह कर दी। लाखों निर्दोष नागरिकों की हत्या हुई, असंख्य महिलाओं का सम्मान लूटा गया और करोड़ों लोग अपने पुश्तैनी घर, खेत, मंदिर और विरासत की मिट्टी छोड़कर शरणार्थी बन गए।
डॉ. वर्मा ने कहा, “कांग्रेस सरकारें पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने में नाकाम रहीं और उनकी छीनी हुई संपत्ति का मुआवजा देने से भी मुकर गईं। जिसने देश तोड़ा, वह कभी देश को जोड़ नहीं सकता।”
उन्होंने कहा कि विभाजन का दर्द केवल इतिहास की किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि आज भी उन परिवारों के दिलों में जिंदा है जिन्होंने सब कुछ खोकर भारत में नई जिंदगी शुरू की। इस दिन हमें संकल्प लेना चाहिए कि कोई भी ताकत, चाहे वह विदेशी हो या राजनीतिक, फिर कभी हमारे देश को तोड़ने में सफल न हो सके।
डॉ. वर्मा ने विभाजन के सभी शहीदों और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “आने वाली पीढ़ियों को इस काले अध्याय से अवगत कराना ही सच्ची राष्ट्र सेवा है।”
“भारत को तोड़ने वाले आज भी देशभक्ति का नाटक कर रहे हैं – जनता को सच जानना होगा।”