सिंदरी, धनबाद।सिंदरी की महिलाओं ने हरियाली तीज सावन महोत्सव सिया रेस्टोरेंट्स मनाया । जहां सभी महिलाओं ने मिलकर सावन माह में गीत गाते, नृत्य ,कई गेम, खेल, झूला तथा धूमधाम से सावन महोत्सव का आनंद उठाया।
सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह न सिर्फ प्रकृति की हरियाली और ताजगी का प्रतीक होता है, बल्कि भगवान शिव की भक्ति और आध्यात्मिक साधना का भी अद्भुत अवसर होता है। जब आकाश में बादल गरजते हैं और धरती पर पहली बारिश की बूंदें गिरती हैं, तो हर दिल उल्लास से भर जाता है।
सावन में पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, खेत-खलिहान हरियाली भी खिल उठते हैं, और वातावरण एक नए जीवन से भर जाता है। इस मौसम की रिमझिम फुहारें मन को सुकून देती हैं। सावन आते ही झूलों की रौनक बढ़ जाती है और बच्चे, महिलाएं गीत गाते हुए झूले झूलते हैं।
सावन विशेषकर शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन माना जाता है। हर सोमवार को व्रत रखे जाते हैं और शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
सावन के लोकगीतों में महिलाओं की भावनाएँ, प्रेम, विरह और सौंदर्य बड़ी खूबसूरती से झलकते हैं। महिलाएं रंग-बिरंगे विषेश कर हरे रंग की परिधान पहनकर मेंहदी लगाती हैं, गीत गाती हैं और अपनी सखियों के साथ समय बिताती हैं।
सावन एक ऐसा महीना है जिसमें त्योहारों की तैयारी होती है, और ग्रामीण मेले इस मौसम को और भी जीवंत बना देते हैं।
सावन सिर्फ एक ऋतु नहीं, यह भारतीय मानसून का उत्सव है, प्रेम का प्रतीक है और आस्था का स्वरूप है। यह महीना हमें सिखाता है कि प्रकृति से जुड़कर, ईश्वर की भक्ति और सामाजिक समरसता के साथ जीवन को आनंदमय बनाया जा सकता है।
रिपोर्ट प्रेम प्रकाश शर्मा
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