सिंदरी, धनबाद।बीआईटी सिंदरी के खनन अभियांत्रिकी विभाग ने अपनी स्वर्ण जयंती धूमधाम से मनाई, जिसमें 50 वर्षों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, उद्योग योगदान और पेशेवर नेतृत्व का गौरवशाली इतिहास प्रस्तुत किया गया। बीसीसीएल, एनसीएल, सीसीएल, जिंदल पावर लिमिटेड, डीवीसी, डब्ल्यूसीएल, ईसीएल, शार प्रोजेक्ट्स, एमसीएल,हिंदाल्को,एनएलसी इंडिया लिमिटेड तथा तकनीकी सहयोगी टेक्समिन सहित कई प्रमुख संस्थानों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र, उद्योग विशेषज्ञ, संकाय सदस्य और विद्यार्थी एक साथ जुड़े। समारोह विभाग की विरासत, उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श का सशक्त मंच बना।
कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो. पी. के. सिंह के स्वागत संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने विभाग की 50 वर्षों की यात्रा और संकाय व पूर्व छात्रों के योगदान को रेखांकित किया। इसके बाद निदेशक प्रो. पंकज राय ने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए बदलती तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप खनन शिक्षा को अद्यतन करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों वक्ताओं ने गर्व, प्रगति और प्रतिबद्धता का सशक्त संदेश दिया।
समारोह में मुख्य वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। प्रो. संजय कुमार शर्मा (आईआईटी बीएचयू) ने शिक्षकों और छात्रों की भूमिका को संस्थान की पहचान का आधार बताया और बिट सिंदरी की अनुशासन व नवाचार की संस्कृति की सराहना की। पूर्व निदेशक, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, प्रो. डी. सी. पाणिग्रही ने बिट सिंदरी को “क्लॉकबिल्डर्स” तैयार करने वाला संस्थान बताते हुए इसकी दीर्घकालिक राष्ट्रीय योगदान क्षमता को उजागर किया। प्रो. (डॉ.) घनश्याम ने बिट छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता और समस्या-समाधान कौशल की प्रशंसा की तथा स्पष्ट किया कि एनआईआरएफ रैंकिंग का अभाव संस्थान की वास्तविक गुणवत्ता को कम नहीं करता।
विशिष्ट अतिथि श्री एस. पी. सिंह, निदेशक (तकनीकी)-ऑपरेशंस, एनसीएल, ने 1988 बैच के पूर्व छात्र के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान उसके छात्रों की उपलब्धियों से बनती है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी पृष्ठभूमि से स्वयं को सीमित न महसूस करने और उद्योग में उपलब्ध अपार अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन बीसीसीएल के वरिष्ठ प्रबंधक (खनन) श्री किशोर यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने निदेशक प्रो. पंकज राय के नेतृत्व और प्रो. (डॉ.) घनश्याम के मार्गदर्शन की सराहना की।
औपचारिक सत्र के बाद विशिष्ट अतिथि द्वारा प्रदर्शनी स्टॉलों का उद्घाटन किया गया, जिसमें आधुनिक खनन तकनीकों, उपकरणों और डिजिटल समाधानों का प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थियों के लिए यह उद्योग-शिक्षा संवाद का महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ। इसके उपरांत बिरसा मुंडा उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, जिसने कार्यक्रम को सांस्कृतिक गहराई और महत्त्व प्रदान किया। अंत में प्रो. संजय कुमार शर्मा द्वारा “खनन उद्योग के लिए सतत विकास का मार्ग: चुनौतियाँ और अवसर” विषय पर दामोदर वैली मेमोरियल कीनोट व्याख्यान दिया गया, जिसमें पर्यावरणीय उत्तरदायित्व, संसाधन संरक्षण और हरित नवाचार की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की गई।
