सिंदरी, धनबाद। बीआईटी सिंदरी परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण गुरुवार को अत्यंत गरिमा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
विशेष उल्लेखनीय है कि साल 2008 से ही बीआईटी सिंदरी प्रशासन और संस्थान परिवार इस प्रतिमा की स्थापना के लिए लगातार प्रयासरत था, और यह बहुप्रतीक्षित सपना आज साकार हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि माननीय विधायक श्री चंद्रदेव महतो ने प्रतिमा के रखरखाव एवं संरक्षण हेतु पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
वहीं आनंद महतो जी ने कहा कि आने वाले समय में बिरसा मुंडा की शौर्य-गाथा को और प्रभावशाली रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रतिमा को और अधिक भव्य तथा आदमकद आकार में विकसित किया जाएगा।
स्थापना में अनेक प्राध्यापकों व कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान
प्रतिमा स्थापना और आयोजन की सफलता में कई समर्पित प्राध्यापक, संकाय सदस्य तथा कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख हैं
डॉ अजय उरांव
डॉ जीतू कुजूर
डॉ. निशिकांत किस्कू
डॉ. अभिषेक आनंद हेंब्रम
डॉ. हेंब्रम
डॉ. मुर्मू
डॉ. चौधरी
डॉ. प्रफुल्ल शर्मा
इन सभी ने तन-मन-धन से सहयोग देकर इस ऐतिहासिक क्षण को संभव बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
साथ ही, प्रतिमा स्थापना अभियान को सफल बनाने में कार्यकर्ताओं का भी अमूल्य योगदान रहा।
विशेष रूप से
सुरेश प्रसाद
तथा अन्य कई समर्पित सहयोगियों
ने निःस्वार्थ भाव से कार्य कर इस अभियान को गति प्रदान की।
इनके अथक प्रयासों से ही बीआईटी सिंदरी में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा आज अपने पूर्ण स्वरूप में स्थापित हो सकी।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुति और छात्रों की सहभागिता
अनावरण अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक तराना प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को श्रद्धा, उत्साह और गौरव से भर दिया।
बीआईटी सिंदरी के निदेशक प्रो. पंकज राय ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है और यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को सदैव मार्गदर्शन देगी।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. पंकज राय द्वारा प्रस्तुत किया गया।
आयोजन का सफल संयोजन
कार्यक्रम का सफल संचालन और प्रतिमा स्थापना अभियान का नेतृत्व इन-चार्ज, BCS सेल एवं सोशल एक्टिविटी प्रमुख, डॉ. अजय उरांव ने किया।
उनके समन्वय, मार्गदर्शन और सतत प्रयासों से यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
अंत में…
इस ऐतिहासिक दिन ने न केवल बीआईटी सिंदरी की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया, बल्कि भगवान बिरसा मुंडा की प्रेरणादायी स्मृति को भी एक भव्य रूप में अमर कर दिया ।
