अयोध्या, उत्तर प्रदेश।भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में दबंगों के आतंक और कथित भ्रष्टाचार एवं अत्याचार का एक गंभीर मामला सामने आया है। इनायत नगर थाना क्षेत्र के ग्राम सौंधियावां निवासी एक गरीब और असहाय व्यक्ति ने 12 वर्षों से चल रहे संघर्ष की आपबीती सुनाई है, जिसमें विरोधी पक्ष लगातार उन्हें और उनकी पत्नी को प्रताड़ित कर रहा है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल कोर कमेटी के संस्थापक एके बिंदुसार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि गरीबों के अधिकार सम्मान सुरक्षा की आवाज को यूनियन के मंच से बुलंद किया जाएगा हर कीमत पर ऐसे दबंग लोगों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी जो नाजायज तरीके से लोगों का शोषण कर रहे हैं।
अकेला सदस्य, 12 वर्षों का संघर्ष
पीड़ित कुलदीप ने बताया कि वह अपने परिवार के अकेले सदस्य हैं और उनके माता-पिता नहीं हैं। वह अपनी आजीविका चलाने के लिए लखनऊ में छोटा-मोटा काम करते हैं। गाँव में उनकी पैतृक संपत्ति है, जिस पर गाँव के दबंग लोग, जो छह भाई हैं, अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
दीवानी कोर्ट में मामला, फिर भी दबंगई जारी
कुलदीप ने अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए दीवानी न्यायालय (Civil Court) में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बावजूद, दबंग अपनी दबंगई के बल पर आए दिन उन्हें और उनकी पत्नी को परेशान करते रहते हैं।
पीड़ित का दर्द छलका, "हम गरीब आदमी कहाँ काम करें और कहाँ इन दबंगों से लड़ते रहें। 12 वर्षों से मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही कि मामले का निस्तारण हो सके।"
पत्नी को जान से मारने का प्रयास और कब्जे की कोशिश
उत्पीड़न की यह घटना कल उस समय और गंभीर हो गई, जब कुलदीप लखनऊ में थे। उनके घर की महिलाएँ (दबंगों के परिवार से) उनके घर में घुस आईं और कुलदीप की पत्नी को जान से मारने का प्रयास किया। साथ ही, उन्होंने एक बार फिर जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की।
इस गंभीर हमले के बाद, कुलदीप ने आज (घटना के अगले दिन) इनायत नगर थाने में जाकर लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मदद की गुहार: "सुनवाई हो, निस्तारण हो"
दंपति ने स्थानीय प्रशासन और प्रदेश सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। कुलदीप का कहना है कि उनकी जान और संपत्ति दोनों खतरे में हैं। उन्होंने गुहार लगाई है कि पुलिस उनकी शिकायत पर त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करे, और दीवानी मामले का भी जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, ताकि उन्हें दबंगों के आतंक से मुक्ति मिल सके।
यह मामला प्रशासन के सामने एक गंभीर चुनौती पेश करता है कि कैसे प्रभु श्री राम की नगरी में कानून का राज स्थापित किया जाए और दबंगों के अत्याचार से गरीब एवं असहाय नागरिकों को बचाया जाए।
