वाराणसी शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी तिथि पर भक्तों ने धन-धान्य और वैभव की कामना से माता अन्नपूर्णा का वस्त्र, आभूषण एवं अलंकार अर्पित किए। महंत शंकर पुरी ने देवी को पंचामृत स्नान कराया। इसके बाद महागौरी की आरती के बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर में लकड़ी की अस्थायी सीढ़ियां लगाई गई थीं। फेरी लगाने वालों की सुविधा का भी विशेष ख्याल रखा गया। भक्तों ने 11 से 108 फेरियां तक लगाईं। शंकर पुरी ने बताया कि इस दिन मां की परिक्रमा का बहुत महत्व है। परिक्रमा खंडित न हो, इसके लिए यहां सीढ़ी नुमापुल बनाया गया था। शाम को माता की विशेष आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। माता अन्नपूर्णा का दरबार रात तक जयकारों से गूंजता रहा।
मां के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन को भक्तों का रेला विभिन्न मंदिरों में लगा रहा।
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October 01, 2025
