रिपोर्ट ओमकार त्रिपाठी
जौनपुर के जालालपुर थाना क्षेत्र में एक निर्दोष किसान संतोष कुमार सिंह पुत्र दानबहादुर सिंह पर पुलिस ने शांति भंग करने का झूठा चालान ठोंक दिया है, जबकि वह खुद हिंसा का शिकार हुआ। 19 अक्टूबर 2025 को सुबह करीब 7:30 बजे पड़ोसी योगेंद्र प्रसाद ने संतोष कुमार सिंह के साथ मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। संतोष के परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने उल्टा योगेंद्र के इशारे पर संतोष को ही आरोपी बना दिया। एसपी को दी गई शिकायत में संतोष कुमार सिंह ने साफ लिखा है कि संतोष निर्दोष है, बल्कि पीड़ित है—उसे पीटा गया, लेकिन हमलावर पर कोई कार्रवाई नहीं।
संतोष ने आरोप लगाया कि योगेंद्र प्रसाद ने पुरानी रंजिश और संपत्ति हड़पने के लालच में झूठे दावे गढ़े और पुलिस को रिश्वत देकर अपना उल्लू सीधा किया। पुलिस का रवैया अब तक पक्षपाती बना हुआ है। ग्रामीण इलाके में यह विवाद पुराना है, जहां जमीन के लेन-देन को लेकर अक्सर हिंसा होती है, मगर कानून का लिहाज सिर्फ अमीरों को। संतोष सिंह की शिकायत में साफ कहा गया कि उन्होंने कभी शांति भंग नहीं की, उल्टे हमलावर ने गाली-गलौज कर हमला बोला। अब इस मामले में पीड़ित ने गुहार लगाई है कि एसपी खुद जांच करें जिससे निर्दोष को न्याय मिले।
यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है, जहां पीड़ित ही आरोपी बन जाता है। अगर जल्द कार्रवाई न हुई तो जालालपुर में बड़ा आंदोलन हो सकता है। संतोष के परिवार ने कहा कि वो जिलाधिकारी से भी अपील करेंगे कि हमलावर योगेंद्र, अजीत, कौशल, पुष्कर, वैभव पर तत्काल मुकदमा दर्ज हो। न्याय की इस लड़ाई में ग्रामीण एकजुट हो रहे हैं, ताकि पुलिस का यह काला कारनामा उजागर हो।
