एके बिंदुसार
संस्थापक
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल कोर कमेटी)
प्रधान संपादक -BMF News Network,
संयोजक-इंटरनेशनल मीडिया आर्मी,
संपादक- अद्वितीय भारत
(हिंदी समाचार पत्र)
संपादक एवं संरक्षक - निर्मल राष्ट्र (हिंदी समाचार पत्र)
स्टेट हेड- वॉयस ऑफ़ ए टू जेड
(हिंदी इंग्लिश और उर्दू में लखनऊ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र)
*सम्मानित देशवासियों,,*
20 अक्टूबर का यह दिन हमारे कैलेंडर में केवल एक तिथि नहीं, बल्कि प्रकाश, समृद्धि और असाधारण व्यक्तित्वों के सम्मान का प्रतीक है। हम इस शुभ अवसर पर एक साथ भारत के सबसे बड़े त्योहार की खुशियाँ मनाते हैं और उन महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने अपने कर्मों से समाज को नई दिशा दी।
*🪔 दीपावली (लक्ष्मी पूजा) के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ*
समस्त देशवासियों को सुख-समृद्धि के महापर्व दीपावली और लक्ष्मी पूजा की कोटि-कोटि शुभकामनाएँ!
यह केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और आशा के संचार का उत्सव है। हम कामना करते हैं कि:
✨ सुख-शांति और समृद्धि: यह प्रकाश पर्व आपके घर-परिवार में असीम सुख, शांति, धन और वैभव लेकर आए। आपके प्रयास सफलता के शिखर को छुएँ।
🛡️ अंधकार पर प्रकाश की विजय: जिस प्रकार राम ने रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी की थी, उसी प्रकार आपके जीवन से सभी प्रकार के अज्ञान, निराशा और नकारात्मकता का अंधकार दूर हो, और ज्ञान एवं उत्साह का प्रकाश फैले।
🙏 दैवीय आशीर्वाद: माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश का मंगलमय आशीर्वाद आप पर और आपके प्रियजनों पर सदा बना रहे, जिससे आपका प्रत्येक दिन मंगलकारी हो।
*🇮🇳 महान विभूतियों के जन्मदिवस पर भावपूर्ण नमन एवं उनका अतुलनीय योगदान*
20 अक्टूबर वह पवित्र दिन भी है, जब भारत की धरती पर दो ऐसी महान हस्तियों का जन्म हुआ, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में इतिहास रचा। उनके जीवन और कार्य आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं।
*युगदृष्टा साहित्यकार: गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी (जन्म: 1855)*
*विनम्र श्रद्धांजलि:*
आधुनिक गुजराती साहित्य को नई ऊँचाईयों पर ले जाने वाले इस महान कथाकार, कवि और युगदृष्टा को उनके जन्मदिवस पर हमारा कोटि-कोटि नमन।
अतुलनीय योगदान - 'सरस्वतीचंद्र': गोवर्धनराम जी को उनके महाकाव्यात्मक उपन्यास 'सरस्वतीचंद्र' के लिए चिरकाल तक याद किया जाएगा। यह कृति मात्र एक कहानी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, दर्शन, सामाजिक-नैतिक मूल्यों और आदर्शवाद का एक जीवंत विश्वविद्यालय है। उन्होंने 'पंडित युग' का नेतृत्व किया और अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को सत्य, न्याय और मानवता की दिशा में प्रेरित किया। उनका लेखन आज भी हमारी सांस्कृतिक चेतना को जागृत करता है।
*न्याय की प्रतीक: न्यायमूर्ति* *लीला सेठ (जन्म: 1930)*
*विनम्र श्रद्धांजलि:*
देश के न्यायिक इतिहास में महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली, भारत में उच्च न्यायालय की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश को उनके जन्मदिवस पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।
अतुलनीय योगदान - न्यायिक समानता: न्यायमूर्ति लीला सेठ जी ने अपने करियर से यह सिद्ध किया कि प्रतिभा लिंग की मोहताज नहीं होती। उन्हें किसी भी उच्च न्यायालय (हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय) की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश होने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त है। उन्होंने न केवल न्यायपालिका में महिलाओं के लिए मार्ग खोला, बल्कि 'हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम' जैसे संवेदनशील कानूनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे महिलाओं को संपत्ति के अधिकार में समानता मिल सकी। उनका जीवन न्याय, साहस और समानता की एक अमर गाथा है।
इन महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए, हम सभी को दीपावली के प्रकाश को अपने कर्मों में उतारना चाहिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि व्यक्तिगत सफलता और सामाजिक उत्थान, दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
पुनः आपको और आपके परिवार को दीपावली की अनंत *शुभकामनाएँ!*
