नई दिल्ली, देश में प्रभावी लोक जवाबदेही सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल) की आरटीआई सेल विभाग ने 1 नवंबर 2025 से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत, यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बालकृष्ण तिवारी ने बताया कि यूनियन के संस्थापक श्री एके बिंदुसार की घोषणा के अनुसार, पूरे देश के जिलाधिकारियों के माध्यम से भारत की महामहिम राष्ट्रपति महोदया को एक 5-सूत्रीय महत्वपूर्ण ज्ञापन/मांग पत्र सौंपा जाएगा।
यह ज्ञापन देश में व्याप्त प्रशासनिक अपारदर्शिता, लापरवाही और भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता व्यक्त करता है। इसका मुख्य उद्देश्य शासन व्यवस्था में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित करना है ताकि आम नागरिक सशक्त हो सकें।
ज्ञापन की प्रमुख पाँच माँगें, जो शासन प्रणाली में मौलिक बदलाव लाने पर केंद्रित हैं:
1- RTI अधिनियम की धारा 4 की पूर्ण पालना: ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी सरकारी विभागों में सूचनाओं का स्वप्रकाशन (Suo Motu Disclosure) अनिवार्य रूप से और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। यह कदम नागरिकों को बार-बार सूचना मांगने की आवश्यकता को समाप्त करने और प्रशासनिक कार्यों में स्वतः पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण है।
2-RTI अधिनियम की धारा 26 का सख्त अनुपालन: अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए नियमित एवं अनिवार्य प्रशिक्षण प्रदान करने पर जोर दिया गया है। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले लोक सेवकों के विरुद्ध प्रभावी दंड प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की गई है ताकि भयमुक्त और उत्तरदायी प्रशासन कायम हो सके।
3- प्रत्येक जिले में 'RTI CELL' की तत्काल स्थापना: नागरिकों को विभागीय भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और शिकायत निवारण के लिए एक सीधा, समर्पित और समयबद्ध मंच प्रदान करने हेतु प्रत्येक जिले में एक विशिष्ट 'RTI CELL' स्थापित करने की मांग की गई है।
4- 'संवैधानिक लोक जवाबदेही नियमावली' का निर्माण एवं लागूकरण: यह मांग पत्र का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है, जिसमें एक संवैधानिक 'लोक जवाबदेही प्राधिकरण' की स्थापना की मांग की गई है। इस नियमावली के तहत, 'लोक अदालत' के माध्यम से भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों या नेताओं के खिलाफ शिकायतों पर त्वरित सुनवाई, तत्काल दंडात्मक कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।
5- भ्रष्टाचार के मामलों में जनता को सीधे आवेदन का अधिकार: गंभीर भ्रष्टाचार के मामलों में साक्ष्य के आधार पर जनता को सीधे 'लोक जवाबदेही प्राधिकरण/लोक अदालत' में शिकायत दर्ज करने और भ्रष्टाचारियों को दंडित कराने का सीधा अधिकार प्रदान करने की मांग की गई है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल) कि आरटीआई सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज कुमार सचान ने कहा कि यूनियन के सभी सदस्यगण और भारत के नागरिक आशा व्यक्त करते हैं कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया देश में भ्रष्टाचार मुक्त और लोक-केंद्रित शासन व्यवस्था स्थापित करने हेतु इन जनहितकारी एवं आवश्यक मांगों पर तत्काल संज्ञान लेंगी और संबंधित मंत्रालयों/प्राधिकरणों को इनके क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश जारी करेंगी। यह पहल देश में पारदर्शिता और सुशासन की नई नींव रखने का प्रयास है।
