युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 56वीं पुण्यतिथि: एक श्रद्धांजलि

बृज बिहारी दुबे
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    एके बिंदुसार की खास रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश:10 सितंबर 2025 को, गोरखपुर के श्री गोरखनाथ मंदिर परिसर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज की 56 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक भव्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अध्यक्षता करेंगे, जो स्वयं गोरक्ष पीठाधीश्वर हैं ।

*महंत दिग्विजय नाथ जी का जीवन और योगदान*
महंत दिग्विजय नाथ जी का जन्म 1894 में राजस्थान के चित्तौड़ में हुआ था। उनका बचपन का नाम नान्हू सिंह था। मात्र 5 वर्ष की आयु में वे गोरखपुर के नाथ पीठ में आए और यहीं उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। 1935 में वे गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर बने और अपने जीवन को राष्ट्र, धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, शिक्षा और समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया ।

*प्रमुख उपलब्धियाँ और कार्य*
- *शिक्षा क्रांति*: महंत दिग्विजय नाथ जी ने पूर्वांचल में शिक्षा क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की, जिसके तहत कई शिक्षण संस्थाएं संचालित हैं।
- *राम जन्मभूमि आंदोलन*: वे अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। 1949 में रामलला की मूर्ति प्रकट होने के समय वे वहां उपस्थित थे।
- *राजनीतिक योगदान*: महंत जी ने राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे 1967 में गोरखपुर से सांसद चुने गए और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
- *अध्यात्म और समाजसेवा*: उन्होंने अखिल भारतीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की स्थापना की और विभिन्न धार्मिक सम्मेलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई ।

*पुण्यतिथि कार्यक्रम*
इस पुण्यतिथि के अवसर पर श्री गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जा रही है, जिसमें देशभर के प्रमुख संतजन शामिल होंगे। यह कार्यक्रम उनकी स्मृति को जीवंत रखने और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है ।

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