उत्तर प्रदेश के जिला महोबा में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां 52 वर्षीय सरकारी टीचर मनोज साहू ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी शिक्षकों के लिए टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) को अनिवार्य करने के फैसले से मनोज साहू परेशान थे।
*क्या है मामला?*
मनोज साहू को मृतक आश्रित कोटे में पिता की जगह नौकरी मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें अपनी नौकरी को सुरक्षित रखने के लिए टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य हो गया था। समस्या यह थी कि मनोज साहू की उम्र 52 वर्ष थी, और वे इस उम्र में टीईटी परीक्षा देने को लेकर चिंतित थे।
*टीईटी परीक्षा के नियम*
उत्तर प्रदेश में टीईटी परीक्षा शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य है, और इसके लिए उम्मीदवारों को निर्धारित योग्यता और मानकों को पूरा करना होता है। हालांकि, इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्र सीमा का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन उच्च आयु वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है।
*सरकारी नौकरी के अवसर*
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इनमें शिक्षक भर्ती, पुलिस भर्ती, लेखपाल भर्ती और अन्य शामिल हैं। इन भर्तियों के लिए उम्मीदवारों को निर्धारित योग्यता और मानकों को पूरा करना होता है ।
मनोज साहू की आत्महत्या की घटना ने शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा को अनिवार्य करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि उच्च आयु वर्ग के शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा को पास करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है, और इसके लिए विशेष प्रावधान करने की आवश्यकता हो सकती है।
रिपोर्ट धर्मेंद्र कुमार
