लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को खाद्य प्रसंस्करण, निदेशालय के अधीन कार्यरत संस्था- रीजनल फूड रिसर्च एण्ड एनॉलिसिस सेण्टर (आर-फ्रैक) लखनऊ द्वारा डायरेक्टर जनरल री-सेटेलमेन्ट (रक्षा मन्त्रालय)ट्रेनिंग के तहत स्व-रोजगार हेतु 26 आर्मी, 5 नेवी तथा 1 एयरफोर्स के अधिकारियों/कर्मचारियों को "सर्टिफिकेट इन बेकरी एण्ड कन्फेक्शनरी" मे 16 सप्ताह का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, को अपने कैम्प कार्यालय 7- कालिदास मार्ग पर प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होने खाद्य प्रसंस्करण मे उद्यम स्थापित करने वाले चार उद्यमियो को रू 9 करोड़ से अधिक की धनराशि अनुदान के रूप मे प्रदान किया, जिसका डेमो चेक उप मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने कुछ उद्यमी मित्रो को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।
उप मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियो, कर्मचारियों की सराहना की। कहा कि सेना ने हमेशा देश का मान -सम्मान बढ़ाया है
उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किये सभी जवानों को हार्दिक बधाई दी एवं उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी और कहा सेवानिवृत के बाद यह जवान अपना उद्यम लगा सकते है और अपने गांव /क्षेत्र के लोगो के लिये प्रेरणास्रोत बनेगे तथा सेनानिवृत्ति के पश्चात भी मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत-2047’ के संकल्प को साकार करने हेतु उद्योग व स्वावलंबन के माध्यम से राष्ट्र सेवा में अपना प्रेरणादायी योगदान देते रहेंगे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सबसे पहले सेना, नौसेना एवं वायुसेना के सभी अधिकारियों एवं जवानों का स्वागत और अभिनन्दन किया। कहा कि देश की रक्षा करने वाले वीर सपूतों को नागरिक जीवन में स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण देना गर्व का विषय है 16 सप्ताह का यह प्रशिक्षण हमारे सैनिक भाइयों के लिए नई रोजगार एवं उद्यमिता की संभावनाओं के द्वार खोलेगा। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार खाद्य प्रसंस्करण एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
इस प्रशिक्षण से सेना के अधिकारी और कर्मचारी न केवल स्वयं स्वरोजगार पा सकेंगे, बल्कि अन्य युवाओं को भी रोजगार देने की क्षमता विकसित करेंगे।आज प्राप्त यह
प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र सिर्फ एक प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है।प्रदेश सरकार सैनिकों के अनुभव और अनुशासन को समाज व विकास कार्यों से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।रक्षा मंत्रालय एवं रीजनल फूड रिसर्च सेंटर के सहयोग से यह पहल "आत्मनिर्भर भारत" और "विकसित उत्तर प्रदेश" के संकल्प को और मजबूत करेगी।
मौर्य ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी व विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने जीवन के अगले अध्याय में भी राष्ट्र का गौरव बढ़ाएँगे। कहा कि 2014 मे मा0 प्रधानमंत्री जी ने शपथ ग्रहण किया था, तब देश की अर्थव्यवस्था ग्यारहवें नम्बर पर थी, जो आज चौथे स्थान पर पहुंच गयी है। कहा कि हमे किसानों का कोई भी उत्पाद किसी भी कीमत पर बर्बाद नही होने देना है। एक चेन तैयार कर किसानों का उत्पादन बढ़ाना है, उसका उचित दाम दिलाना है, उनके उत्पाद को प्रोसेसिंग यूनिटो तक पहुचाना है और उद्यम व व्यापार के जरिये
उद्यमियो व व्यापारियों की आमदनी भी बढ़ाना है। कहा कि खाद्य प्रसंस्करण कृषि और उद्योग के बीच की सबसे अहम कड़ी है। प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में देश मे अग्रणी स्थान है। प्रदेश में सर्वाधिक इकाइयाँ स्थापित हैं।खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय वृद्धि का सबसे बड़ा साधन है। प्रदेश सरकार की नीतियाँ किसानों, युवाओं और उद्यमियों को जोड़कर उत्तर प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण का हब बना रही हैं।हमारा लक्ष्य – निवेश, रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण का बढ़ावा देकर किसानो के उत्पादो का अधिक से अधिक दाम दिलाना हमारा संकल्प है। कहा कि सेना ने हमेशा देश का मान -सम्मान बढ़ाया है। विकसित भारत के निर्माण मे भी
सेना का बड़ा योगदान रहेगा।विकसित भारत के निर्माण मे खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान रहेगा। हमको सभी क्षेत्रों मे काम करके भारत को बड़ा निर्यातक देश बनाना है। सेना के जवानो का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक भारत -श्रेष्ठ भारत की दिशा मे महत्वपूर्ण कदम
है।
अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण व रेशम विभाग बी एल मीणा ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र मे प्रदेश मे किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यो के बारे मे विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य एवं प्रसंस्करण श्रीमती प्रेरणा शर्मा निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग बी डी राम, संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार, उप निदेशक एम पी सिंह आर. फ्रैक के डायरेक्टर सुजीत राजभर प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
रिपोर्ट राम आसरे
