मिर्ज़ापुर: कई वर्षों से किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की मिर्ज़ापुर इकाई ने जमालपुर ब्लॉक कार्यालय पहुंचकर विकासखंड अधिकारी के माध्यम से मिर्ज़ापुर के जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में यूनियन ने हाल की बाढ़ से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं।
यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों में सबसे ऊपर बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के लिए 25,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने की मांग रखी। उनका कहना था कि लगातार बारिश और बाढ़ के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इस मुआवजे से उन्हें कुछ राहत मिल सकेगी।
इसके अलावा, ज्ञापन में किसानों के सभी कर्जों को माफ करने की भी जोरदार मांग की गई। भाकियू का तर्क है कि प्राकृतिक आपदा के कारण किसान कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, और ऐसी मुश्किल घड़ी में कर्जमाफी ही एकमात्र समाधान है।
यूनियन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने की भी मांग की। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि बाढ़ के पानी से चारागाह डूब गए हैं, जिससे पशुओं के लिए भोजन का संकट खड़ा हो गया है। साथ ही, किसानों की फसल बीमा के दावों पर भी जोर दिया गया और सरकार से इस प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया गया।
भाकियू ने बाढ़ प्रभावित फसलों पर दावों के छिड़काव (एंटी-पेस्ट स्प्रे) और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की तत्काल मरम्मत की मांग भी उठाई। उन्होंने बताया कि टूटी हुई सड़कों के कारण किसानों को अपनी उपज मंडियों तक ले जाने में भारी परेशानी हो रही है।
ज्ञापन सौंपते समय भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव प्रहलाद सिंह, जिला अध्यक्ष कंचन सिंह 'फौजी', और अन्य प्रमुख सदस्य जैसे अनिल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, राणा प्रताप सिंह, रमेश सिंह समेत सैकड़ों की संख्या में किसान पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में सरकार से किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने और तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
रिपोर्ट मिथिलेश कुमार मौर्य