इसके लिए मीडिया कर्मियों , पत्रकार बंधुओ एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने कर्तव्य, अधिकार, कार्यप्रणाली के मूल बिंदुओं को समझना होगा।*
भारतीय मीडिया फाउंडेशन देश में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है इसके लिए यूनियन से जुड़े हुए प्रत्येक पत्रकार , सामाजिक कार्यकर्ता एवं सदस्य, मीडिया अधिकारी एवं पदाधिकारी को अपने कार्य प्रणाली को समझना अति आवश्यक है ।
एके बिंदुसार
संस्थापक -भारतीय मीडिया फाउंडेशन ( नेशनल)
एवं संयोजक - इंटरनेशनल मीडिया आर्मी।
[नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय-- बंगाली कॉलोनी, महावीर एनक्लेव नई दिल्ली से जनहित में जारी]
एके बिंदुसार की कलम से .................................👉 पत्रकार, मीडिया कर्मी, और सामाजिक कार्यकर्ता तीन अलग-अलग भूमिकाएं हैं जो समाज में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।
यहां कुछ मुख्य अंतर दिए गए हैं:
*पत्रकार:*
- पत्रकार का मुख्य काम समाचार और जानकारी इकट्ठा करना, लिखना और प्रस्तुत करना है।
- पत्रकार समाचार पत्र, पत्रिका, टेलीविजन, रेडियो या ऑनलाइन मीडिया/ डिजिटल मीडिया के लिए काम करते हैं।
- पत्रकार का उद्देश्य आम जनता को सूचित करना और जागरूक करना है।
*मीडिया कर्मी:*
- मीडिया कर्मी पत्रकारों के अलावा अन्य लोग होते हैं जो मीडिया उद्योग में काम करते हैं।
- मीडिया कर्मी में प्रोड्यूसर, निर्देशक, कैमरामैन, एडिटर आदि शामिल हो सकते हैं।
- मीडिया कर्मी का काम समाचार और कार्यक्रमों का निर्माण और प्रस्तुतीकरण करना है।
*सामाजिक कार्यकर्ता:*
- सामाजिक कार्यकर्ता समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करते हैं।
- सामाजिक कार्यकर्ता का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी स्थिति में सुधार करना है।
- सामाजिक कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवाधिकार, पर्यावरण आदि।
*मुख्य अंतर:*
- पत्रकार और मीडिया कर्मी का मुख्य उद्देश्य समाचार और जानकारी प्रस्तुत करना है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता का उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।
- पत्रकार और मीडिया कर्मी का काम अधिकतर मीडिया उद्योग में होता है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं।
- पत्रकार और मीडिया कर्मी का काम अधिकतर सूचनात्मक होता है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता का काम अधिकतर सक्रियता और समर्थन पर केंद्रित होता है।
यह एक विस्तृत और सुव्यवस्थित है जो पत्रकारों, मीडिया, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के कर्तव्य, अधिकार, और सम्मान सुरक्षा पर केंद्रित हैं।
*पत्रकारों और मीडिया के कर्तव्य:*
- सत्य और निष्पक्षता के साथ समाचार प्रस्तुत करना
- जनहित को प्राथमिकता देना
- जिम्मेदार पत्रकारिता का पालन करना
*सामाजिक कार्यकर्ताओं के कर्तव्य:*
- समाज सेवा करना और लोगों के अधिकारों की रक्षा करना
- समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सजग करना
- न्याय और समानता के लिए लड़ना
*पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकार:*
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार
- सूचना का अधिकार
- सुरक्षा का अधिकार
*पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कार्य प्रणाली:*
- जांच और अनुसंधान के माध्यम से तथ्यों का पता लगाना
- समर्थन और सक्रियता के माध्यम से समाज में बदलाव लाना
- मीडिया कवरेज के माध्यम से खबरों को सार्वजनिक करना
*सम्मान सुरक्षा:*
- सरकारी समर्थन और सुरक्षा
- सामाजिक समर्थन और सुरक्षा
- कानूनी सुरक्षा
एके बिंदुसार ने कहा कि पत्रकार, मीडिया, और सामाजिक कार्यकर्ता समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके कर्तव्यों, अधिकारों, और सम्मान सुरक्षा को सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि वे अपने काम को प्रभावी ढंग से कर सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न कानून और प्रावधान हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण कानून और प्रावधान दिए गए हैं:
*पत्रकार सुरक्षा कानून:*
1. *भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)*: आईपीसी की धारा 295ए, 298, 499, 500, 501, और 502 पत्रकारों के खिलाफ अपराधों से संबंधित हैं।
2. *सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005*: यह अधिनियम पत्रकारों को सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
3. *पत्रकार सुरक्षा अधिनियम, 2017*: यह अधिनियम पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रावधान करता है।
*सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून:*
1. *मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993*: यह अधिनियम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रावधान करता है।
2. *सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा अधिनियम*: कुछ राज्यों में सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष अधिनियम हैं।
*धारा जो सुरक्षा प्रदान करती है:*
1. *आईपीसी की धारा 166*: यह धारा सरकारी अधिकारियों द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के मामलों में लागू होती है, जो पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
2. *आईपीसी की धारा 503*: यह धारा आपराधिक धमकी से संबंधित है, जो पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ लागू होती है।
3. *सीआरपीसी की धारा 154*: यह धारा पुलिस को अपराध की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए निर्देश देती है, जो पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपराध के मामलों में महत्वपूर्ण है।
*सुरक्षा के उपाय:*
1. *सरकारी सुरक्षा*: सरकार पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
2. *पुलिस सुरक्षा*: पुलिस पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
3. *न्यायिक सुरक्षा*: न्यायालय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न कानून और प्रावधान हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग शिव पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को बचना आवश्यक हैं।