मुंबई महाराष्ट्र भिवंडी यहाँ हर दिन लोगों को 5 से 6 घंटे तक जाम में फँसना पड़ता है, जिससे न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि लोगों को भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।
प्रमुख कारण और समस्याएँ
इस भीषण जाम के कई कारण हैं। भिवंडी एक औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र है, जहाँ भारी संख्या में मालवाहक वाहन (ट्रक और टेम्पो) आते-जाते हैं। सड़कों की खराब हालत, अतिक्रमण और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण ट्रैफिक की स्थिति और भी बदतर हो गई है। यहाँ की सड़कें संकरी हैं और बड़ी गाड़ियों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, जिससे अक्सर जाम लग जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या सालों से चली आ रही है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्रशासन की अनदेखी से लोग परेशान
स्थानीय लोगों और यात्रियों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस समस्या पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई बार शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी अक्सर ड्यूटी पर नहीं होते, जिससे हालात और भी बिगड़ जाते हैं।
इस जाम के कारण एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे कई बार गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है।
आम जनता पर असर
लगातार घंटों तक जाम में फँसने से लोगों की मानसिक और शारीरिक थकान बढ़ रही है। कार्यालय जाने वाले लोग अक्सर देर से पहुँचते हैं, जबकि व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह जाम न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि लोगों के दैनिक जीवन को भी बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता अब प्रशासन से इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग कर रहे हैं, ताकि लोगों को इस रोज-रोज की परेशानी से मुक्ति मिल सके।
रिपोर्ट अकरम वारसी