नई दिल्ली, मीडिया जगत में एक ब्रांड नाम के तौर पर प्रतिष्ठित, इंडियन फ्रंट ऑफ मीडिया बॉडीज़ (IFOMB) की संचालिका वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा पांड्या ने पत्रकारिता और सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी अथक मेहनत और समर्पण, विशेष रूप से संगठन को मजबूत बनाने और पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ताओं के अधिकार, सम्मान और सुरक्षा के सवालों पर उनकी निरंतर मुखरता, मीडिया समुदाय के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से लेकर बड़े-बड़े वास्तविक मीडिया मंचों तक, वरिष्ठ पत्रकार पुष्पा पांड्या का नाम और चेहरा हर जगह दिखाई देता है। उनकी बेबाकी, न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और मीडिया की स्वतंत्रता के लिए उनका संघर्ष उन्हें सही मायने में 'पत्रकार आयरन लेडी' बनाता है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (BMFनेशलन) के संस्थापक एके बिंदुसार ने पुष्पा पांड्या के योगदान को गहराई से सराहा। उन्होंने बताया कि "पुष्पा पांड्या जी ने अपनी पत्रकारिता के शुरुआती दिनों से लेकर आज तक, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा मीडिया को संवैधानिक दर्जा दिलाने की मुहिम में लगातार एक अग्रणी भूमिका निभाई है।" यह उनके अथक प्रयासों का ही फल है कि इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर आज देशव्यापी चर्चा हो रही है।
BMF नेशनल की केंद्रीय अनुशासन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष राम आसरे ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "पुष्पा जी आज मीडिया जगत में एक आदर्श हैं।" उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली में रहते हुए भी, पुष्पा पांड्या जी प्रतिदिन भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल)सहित कई प्रमुख पत्रकार संगठनों को अपना अमूल्य सहयोग दे रही हैं। वह निरंतर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ - मीडिया की आजादी की लड़ाई लड़ रही हैं, जो आज के दौर में और भी प्रासंगिक हो गई है।
पुष्पा पांड्या जी का जीवन और कार्य यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति का दृढ़ संकल्प और समर्पण कैसे समाज में बड़े बदलाव ला सकता है। उनकी लड़ाई सिर्फ पत्रकारों के लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के लिए है जो सच्चाई और न्याय की उम्मीद रखता है।