शीतलहर में अलाव नदारद, वनविभाग की मेहरबानी से पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई, शिकायत के बाद भी प्रशासन मौन

बृज बिहारी दुबे
By -
 रिपोर्ट राजन  सिंह 



जौनपुर | मड़ियाहूं–बरसठी कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं–बरसठी क्षेत्र में प्रशासनिक अव्यवस्था खुलकर सामने आ गई है। निगोह, मियाचक, कटवार एवं रसूलहा जैसे प्रमुख तिराहों पर अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे राहगीर, मजदूर, बुजुर्ग और गरीब तबके के लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं।

स्थानीय नागरिकों के अनुसार इस गंभीर समस्या को लेकर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) से शिकायत भी की गई, लेकिन शिकायत के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। प्रशासन की उदासीनता से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

वहीं दूसरी ओर वनविभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। क्षेत्र में लकड़हारों पर कथित तौर पर वनविभाग की मेहरबानी बरती जा रही है, जिसके चलते हरे और सूखे दोनों प्रकार के पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई जारी है। हैरानी की बात यह है कि जहां पेड़ों की अवैध कटाई रोकी नहीं जा रही, वहीं अलाव के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने के नाम पर वनविभाग के पास कोई सुविधा नहीं बताई जा रही।

ग्रामीणों का आरोप है कि हर साल ठंड के मौसम में अलाव की व्यवस्था केवल कागजों में दिखाई जाती है, जबकि जमीनी स्तर पर आम जनता को कोई राहत नहीं मिलती। प्रशासन और वनविभाग की इस दोहरी व्यवस्था से आमजन खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है।

जनता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से सभी प्रमुख तिराहों व सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था कराई जाए, साथ ही वनविभाग द्वारा अवैध पेड़ कटान पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ठंड से राहत मिल सके और पर्यावरण की भी रक्षा हो।

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