मुंबई: सीबीआई ने उस मामले में कथित तौर पर शामिल दो और व्यक्तियों की पहचान की है, जिसमें एजेंसी के अधिकारियों ने पिछले महीने मुंबई के एक निजी बैंक के शाखा प्रबंधक नितेश राय को फर्जी खाते खुलवाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला है कि गिरफ्तार अधिकारी ने साइबर अपराधियों के साथ मिलीभगत करके अवैध रिश्वत ली और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खाता खोलने के फॉर्म भरे, जिससे साइबर अपराध की कमाई के लेन-देन और हेराफेरी के लिए रास्ते बने।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, “उक्त मामले की जांच के दौरान, 30 अप्रैल, 2025 से 4 मई, 2025 तक, यह पता चला है कि आरोपी नितेश राय ने मुंबई के बांद्रा रिक्लेमेशन शाखा के शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हुए फर्जी खाते खुलवाने में मदद की और अपने आधिकारिक कर्तव्यों के अनुचित निर्वहन के लिए ए.एन. पठान और पी.बी. साहनी से अवैध रिश्वत ली।”
जांच में यह भी पता चला है कि एक बार 2 जनवरी, 2025 को नितेश राय के एक्सिस बैंक खाते में 10,000 रुपये अवैध रिश्वत के रूप में जमा किए गए थे, जो खाता खोलने के फॉर्म को प्रोसेस करने के बदले में दिए गए थे। नितेश राय ने व्हाट्सएप चैट के माध्यम से साहनी से इस अवैध रिश्वत की मांग और उसके बाद किए जाने वाले काम के बारे में चर्चा की थी।
अधिकारी ने आगे बताया, "मांग के बाद साहनी ने पठान के माध्यम से नितेश राय के खाते में 10,000 रुपये ट्रांसफर करवाए। यह भुगतान पठान द्वारा मनी एक्सचेंज के जरिए करवाया गया था। उक्त अवैध रिश्वत मिलने पर नितेश राय ने खाता खोलने के फॉर्म भर दिए।" अधिकारी ने आगे कहा, "इस प्रकार पठान और साहनी ने एक सरकारी कर्मचारी को उसके आधिकारिक कर्तव्यों का अनुचित निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया।"
