भ्रष्टाचार पर वार! जम्मू-कश्मीर में 'भारतीय मीडिया फाउंडेशन' की महासंग्राम रणनीति; RTI से खुलेगा भ्रष्ट अधिकारियों की अकूत संपत्ति का राज!

बृज बिहारी दुबे
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रिपोर्ट सिम्मी भट्टी

नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐतिहासिक और सशक्त अभियान चलाने के लिए भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल कोर कमेटी ने एक मजबूत और बहु-स्तरीय रणनीति तैयार की है। इस रणनीति के तहत, संगठन ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर तक नई और ऊर्जावान कार्यसमितियों का गठन करेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना और सरकारी तंत्र में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर करना होगा।
RTI सेल करेगा भ्रष्टों की संपत्ति की जांच:
यूनियन की रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त और अकूत संपत्ति के मालिक बने बैठे ब्लॉक एवं तहसील के कर्मचारियों और अधिकारियों को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 (RTI) के दायरे में लाएगी।
 कार्यवाही: एक विशेष 'आरटीआई सेल' का गठन किया जाएगा।
  उद्देश्य: इस सेल के माध्यम से जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अधिकारियों के आय के स्रोतों की विस्तृत जांच कराई जाएगी।
 लक्ष्य: उन कर्मचारियों और अधिकारियों की संपत्ति का पर्दाफाश करना, जिन्होंने अवैध और भ्रष्ट तरीकों से अपनी संपत्ति में असामान्य वृद्धि की है।
संगठन निर्माण और आरटीआई जागरूकता अभियान:
भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल कोर कमेटी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर के प्रभारी एवं प्रशासक, मोहम्मद रफीक वानी ने संगठन के निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि:
  जन-जन तक RTI: जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक को आरटीआई के नियमों और इसके इस्तेमाल के तरीके के बारे में जागरूक किया जाएगा।
 धारा 4 एवं 26 पर ज़ोर: आरटीआई अधिनियम की धारा 4 (स्वतः प्रकटीकरण) और धारा 26 (जागरूकता फैलाना) के पूर्ण पालन के लिए जोरदार मांग उठाई जाएगी ताकि सरकारी विभाग स्वयं ही जानकारी सार्वजनिक करें और नागरिकों को आरटीआई की शक्ति का बोध हो।
राष्ट्रपति महोदया को भेजा जाएगा राष्ट्रव्यापी मांग पत्र:
मोहम्मद रफीक वानी ने घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत:
 मांग पत्र: भ्रष्टाचार उन्मूलन और आरटीआई के बेहतर अनुपालन की मांग करते हुए एक विस्तृत मांग पत्र तैयार किया गया है।
  प्रेषण: इस मांग पत्र को जिला अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया को भेजा जाएगा।
 अवधि: यह महत्वपूर्ण अभियान पूरे महीने भर चलेगा, जिसमें विभिन्न स्तरों पर विरोध प्रदर्शन, जन सभाएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन का यह कदम जम्मू-कश्मीर में सुशासन और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक प्रयास है, जो भ्रष्ट अधिकारियों के लिए एक कड़ी चेतावनी का काम करेगा।
क्या आप इस समाचार के मुख्य बिंदुओं को बुलेट पॉइंट्स में देखना चाहेंगे, या आप मोहम्मद रफीक वानी द्वारा उठाए गए आरटीआई की धारा 4 और 26 के बारे में अधिक जानकारी जानना चाहेंगे?
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