मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश इस वर्ष 2025 के अगस्त महीने में हुई भारी बारिश के कारण मिर्ज़ापुर जिले के जमालपुर विकास खंड में भीषण बाढ़ आ गई, जिससे क्षेत्र में व्यापक तबाही हुई है। इस आपदा में दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह से डूबकर बर्बाद हो गईं। इसके साथ ही, अतिवृष्टि के कारण कई गांवों में गरीबों के कच्चे मकान और झोपड़ियां गिरकर धराशायी हो गए हैं, जिससे वे बेघर हो गए हैं।
आपदा से प्रभावित प्रमुख गाँव
बाढ़ और अतिवृष्टि से सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में से कुछ प्रमुख गाँव इस प्रकार हैं:
* मकान क्षतिग्रस्त: विसौरां कलां, नौडिहा, शेरवां, जाफरखानी, लठियासहिजनी, भाईपुर, भोकरौध, बहादुरपुर, चौकियां, डूही कलां खुर्द, बनौली, खेखड़ा, जमही, ढेबरां, मनऊर, मिल्की बरवां, बियरहीं, भरत पुर सरैयां, खड़ेहरां, धोबही, कर्जी, मानिकपुर, भुईली खास, रामपुर, बेलहर, दौलताबाद, गयासपुर, बिक्सी, जफराबाद, चिलबिलियां। इन गांवों में कई लोगों के मकान आंशिक रूप से तो कुछ के पूरी तरह से ढह गए हैं।
* फसल बर्बाद: ओड़ी, लोढ़वां, भमौरां, मुडहुआं, देवरिला, सिलौटा, गौरी, गुलौरी, शेखापुर, चरगोड़ा, चौबेपुर, चैनपुरा, जगदीशपुर, जफरपुरा, डोहरी, शिवपुर, गोगहरां, हसौलीं, कर्जी, धोबही, बियरहीं, मानिकपुर। इन गांवों के किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा संकट आ गया है।
बुनियादी ढांचा भी हुआ क्षतिग्रस्त
अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण किसानों की फसलों और गरीबों के घरों को नुकसान पहुँचने के अलावा, क्षेत्र के कई प्रमुख मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे आवागमन में भारी मुश्किलें आ रही हैं।
क्षतिपूर्ति की मांग
इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान को देखते हुए, अन्न दाता मंच के संयोजक चौधरी रमेश सिंह ने क्षेत्र के अन्य लोगों जैसे विनोद सिंह, अमीत सिंह, विपीन सिंह, शशि सिंह, रहमान, राहुल, अंकित, मुकेश, संदीप, जावेद, राजेश, मनोज सिंह, राजन, अशोक सिंह आदि के साथ मिलकर सरकार से तत्काल राहत और मदद की मांग की है। इन लोगों ने संबंधित विभागों से आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्तियों का जल्द से जल्द सर्वे कराने और पीड़ितों को अतिशीघ्र क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने की अपील की है।
यह आपदा प्रभावित किसानों और गरीबों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, और उन्हें सरकारी मदद का बेसब्री से इंतजार है।