गिरिडीह । केंद्र सरकार द्वारा लाए गए संशोधन बिल के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने रविवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संशोधन बिल में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री स्तर का जनप्रतिनिधि किसी आरोप में 30 दिन तक जेल में रहता है, तो वह स्वतः अपने पद से हटा दिया जाएगा। इसी का विरोध करते हुए JMM कार्यकर्ताओं ने गिरिडीह के टावर चौक पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया और विरोधी नारे लगाए।
विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में JMM के वरिष्ठ नेता व युवा कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र खत्म करने और विपक्षी आवाज़ दबाने का आरोप लगाया।
जमुआ के पूर्व विधायक एवं जेएमएम नेता केदार हाजरा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह संशोधन बिल तानाशाही सोच को स्पष्ट करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि झूठे मुकदमे में विपक्षी नेताओं को फंसाकर जेल भेजने और फिर उन्हें पद से हटाने की साजिश रची जा रही है। यह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों और लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है।
जमुआ, बेंगाबाद और डुमरी समेत आसपास के इलाकों से भी बड़ी संख्या में JMM कार्यकर्ता विरोध में शामिल हुए। नेताओं ने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में इस बिल के खिलाफ पूरे राज्य में आंदोलन तेज किया जाएगा। साथ ही, जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह यह संशोधन लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने “केंद्र सरकार होश में आओ”, “लोकतंत्र की हत्या बंद करो”, और “झारखंड विरोधी बिल वापस लो” जैसे नारे लगाए। JMM नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि यह बिल वापस नहीं लिया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा और जनता के गुस्से का सामना केंद्र सरकार को करना होगा।
रिपोर्ट अमित बाछुका