किसी भी सामाजिक लड़ाई लड़ने के लिए बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है विजेंद्र बहादुर सिंह

बृज बिहारी दुबे
By -
विजेंद्र बहादुर सिंह 
 राष्ट्रीय संगठन सचिव 
डिजिटल मीडिया सेल 
भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल) 
किसी भी सामाजिक लड़ाई लड़ने के लिए बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है लोगों की ताने लोगों की गलियां लोगों की बोलियां सुनना पड़ता है किसी भी लड़ाई को जीतने के लिए बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जो व्यक्ति या समाजसेवी या पत्रकार कीसी भी संघर्ष को गति देने के लिए उसको तन मन धन से बर्बाद होना पड़ सकता है यह समाज केवल आपके उसी लड़ाई को देखना चाहती है जो आप लड़ रहे हैं यह समाज आपके घर परिवार की स्थिति नहीं देखता है कि आप क्या खाते हैं क्या पीते हैं किस तरह रहते हैं अपने बच्चों का परवरिश किस तरह करते हैं यहां तक की शासन प्रशासन सत्ता आपके खिलाफ रहता है आपके ऊपर झूठे मुकदमे लिखना जेल में डालना आपको हर तरह से कमजोर किया जाता है कि आप इतना धन मन से कमजोर हो जाए की सच्चाई की आवाज उठाने लायक आप नहीं रह सके जो व्यक्ति समाज सेवा या पत्रकार महोदय इन सभी संघर्षों को झेलते हुए आगे बढ़ने का कार्य करते पहले भी आज भी वही व्यक्ति आज के समाज में जननायक कहलाता है चाहे वह गरीब व्यक्ति हो चाहे अमीर व्यक्ति हो लेकिन दोस्तों आज के समाज में समाज सेवा करना बहुत ही कठिन कार्य है चाहे वह कार्य पत्रकारिता के माध्यम से हो या समाज सेवा के कार्य के माध्यम से हो लेकिन अपना हौसला हमेशा बुलंद रखना चाहिए कि हम किसी परिस्थिति में हो हम अपने कर्तव्य और संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे वही व्यक्ति अपने मंजिल तक पहुंच पाएगा हम सभी साथियों को यह अच्छी तरह मालूम है कि इस देश से भ्रष्टाचार को हटाना बहुत ही कठिन कार्य है लेकिन यह अभी सत्य है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजय नहीं हो सकता है अगर हम लोग एकजुट होकर के अपनी आवाज को बुलंद करेंगे तो हमें हमको पूरा यकीन है कि भारत देश से एक दिन ना एक दिन भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का कार्य हम लोग करेंगे मैं विजेंद्र बहादुर सिंह जीता जागता एक सच के रूप में आप लोगों के सामने मौजूद हूं मैंने अपने जीवन में अधिकारियों के खिलाफ तीन-तीन मुकदमे हाई कोर्ट इलाहाबाद में देख रहा हूं जो तीनों मेरिट पर चल रहा है मुझे पता है कि मेरी जान कभी भी जा सकती है लेकिन मेरा हौसला मेरे घर वाले बीवी बच्चे बढ़ाते रहते हैं मेरी यह सोच है मैं रहूं या ना रहूं मेरे मरने के बाद मेरा नाम इस दुनिया में जरूर रहेगा मुझे पता है इस दुनिया में संभव कोई चीज नहीं है जैसे मृत्यु सत्य है 

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