विंध्याचल और वाराणसी मंडलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जोरदार मोर्चा खुल गया है!

बृज बिहारी दुबे
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नई दिल्ली भारतीय मीडिया फाउंडेशन (नेशनल) ने एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है, जिसके तहत मिर्ज़ापुर, वाराणसी, गाज़ीपुर, और चंदौली जिलों की हर ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों की गहन जांच की जाएगी. यह कोई सामान्य समीक्षा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार है।

*भ्रष्टाचार पर एक्शन का बिगुल बजा*

भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का बिगुल फूंकते हुए कहा, "अब जनता के अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." इस अभियान का केंद्र बिंदु सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम है, जिसके तहत हर ग्राम पंचायत के कार्यों का हिसाब मांगा जाएगा. ग्राम प्रधानों और अधिकारियों द्वारा किए गए विकास कार्यों की एक-एक फाइल खंगाली जाएगी.
उन्होंने समस्त पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस अभियान में लगने की अपील की।
*इन मुद्दों पर होगी कड़ी पड़ताल:*

 1- आवास और निर्माण कार्य: आवास आवंटन में हुई धांधलियों और सड़क-नाली निर्माण की घटिया गुणवत्ता की परतें उधेड़ी जाएंगी. हर ईंट और हर सड़क की गुणवत्ता की समीक्षा होगी.
 2- पेंशन योजनाएं: वृद्धा और विधवा पेंशन के असली हकदारों तक लाभ पहुंचा या नहीं, इसकी पूरी पड़ताल होगी. फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को बेनकाब किया जाएगा.
 3- अतिक्रमण और अवैध कब्जे: ग्राम पंचायत की जमीनों पर हुए अवैध कब्जों की पूरी जानकारी मांगी जाएगी. जमीन माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी है.
 4- जल निकासी: गांवों में जल निकासी की व्यवस्था और उसमें हो रहे भ्रष्टाचार की भी गहन जांच की जाएगी।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन नेशनल कोर कमेटी की टीम  ने बताया कि इस जांच में ग्राम प्रधानों, सेक्रेटरी, लेखपालों, और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर किया जाएगा. यह अभियान सीधे तौर पर उन भ्रष्टाचारियों को निशाना बनाएगा जो जनता के पैसों पर मौज करते हैं. उन्होंने साफ किया कि जांच के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का पूरा सहयोग लिया जाएगा, ताकि किसी भी भ्रष्टाचारी को बचने का मौका न मिले. यह अभियान ग्राम पंचायत स्तर पर पारदर्शिता और जनता के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक निर्णायक कदम है।
बिंदुसार ने बताया कि जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना की मांग करने से पूर्व उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय, डीजीपी महोदय, एवं जिला अधिकारी  को प्रत्येक जनपद में लिखित प्रार्थना पत्र देने के बाद ही जांच प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।



रिपोर्ट सिम्मी भट्टी 

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